मुजफ्फरपुर: पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर मंगलवार को भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए नगर पुलिस ने रेलवे का टिकट कालाबाजारी करने की सूचना पर एक साथ तीन ट्रैवल एजेंट के दुकानों पर छापेमारी की. तीनों जगहों से 35 हजार से अधिक नगद रुपये, करीब 100 रेलवे टिकट, 40 मोबाइल, दो दर्जन से अधिक फर्जी पहचान पत्र, दर्जनों कंप्यूटर व लैपटॉप सहित कई सामान जब्त किया गया. इस दौरान चार लोगों को हिरासत में लिया गया है. मौके से कई विदेशी मुद्रा भी जब्त की गयी है. देर रात तक टिकट कालाबाजारी करने के मुख्य आरोपित के घर पर भी पुलिस की छापेमारी जारी थी.
जानकारी के अनुसार, पुलिस मुख्यालय से भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी व प्राइवेट कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश एसएसपी को दिया गया था. एसएसपी ने नगर थानाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया, जिसमें यातायात प्रभारी शैलेंद्र कुमार सिंह, दारोगा सुजीत कुमार, मनोरंजन कुमार, रघुनाथ तिवारी को शामिल किया गया. मंगलवार 11 बजे के आसपास नगर पुलिस की टीम ने जीआरपी थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद, दारोगा अशोक तिवारी, उमा शंकर सिंह के सहयोग से इमलीचट्टी स्थित आकाश ट्रैवल्स, स्टेशन के सामने गूगल साइबर कैफे व भारत ट्रैवल एजेंसी में छापेमारी की.
छापेमारी के दौरान आकाश ट्रैवल्स से कंप्यूटर , हजारों रुपये नगद सहित सिकंदरपुर निवासी अमन कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया. वही गूगल साइबर कैफे से दो हजार से अधिक नगद रुपये, 30 से अधिक मोबाइल, पैन कार्ड, विदेशी मुद्रा,पासपोर्ट, लैपटॉप , कंप्यूटर सहित दर्जनों सिम बरामद किया गया. दुकान के स्टाफ इमलीचट्टी निवासी मुकेश कुमार को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
हालांकि छापेमारी की भनक लगते ही साइबर कैफे का संचालक अभिषेक कुमार उर्फ बिट्ट फरार हो गया. उसका अहियापुर के हनुमान मंदिर व सिकंदरपुर में आवास का पता चला है. दूसरी टीम देर रात तक उसके आवास में छापेमारी कर रही थी. इसी कैफे के बगल में स्थित कुढ़नी के टारसन निवासी सुबोध कुमार के भारत ट्रैवल में भी छापेमारी की गयी. छापेमारी के दौरान विभिन्न जगहों के सैकड़ों टिकट,32580 रुपये, चार मोबाइल, भारी मात्र में स्लिप, तत्काल टिकट का आरक्षण फार्म , विभिन्न पहचान पत्र का फोटो स्टेट कॉपी सहित अन्य सामान को जब्त किया गया.
पुलिस ने सदर थाना के मधुबनी निवासी दिनेश झा, कुढ़नी के टारसन निवासी अरुण को हिरासत में लिया है. देर रात तक पकड़े गये लोगों से पूछताछ की जा रही थी.
थानाध्यक्ष का कहना है कि छानबीन में यह भी पता चला है कि रेल कर्मियों की मिली भगत से बड़े पैमाने पर कंफर्म टिकट की कालाबाजारी की जा रही थी. मोबाइल से कई रेल कर्मियों के मोबाइल नंबर मिले हैं. इस पूरे मामले में रेलवे के आरक्षित टिकट की कालाबाजारी करने का बड़े नेटवर्क का पता चला है. दूसरे देश के लोगों के भी पहचान पत्र मिले हैं. एक ट्रैवल एजेंट ने रेलवे से अधिकृत होने का पता चला है. लेकिन वह नियम का पालन नहीं कर रहा था. पूरे मामले की छानबीन की जा रही है.