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जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म

प्रधान सचिव ने मांगों पर विचार करने का दिया भरोसा पीएमसीएच से सूचना आने के बाद काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर 215 मरीजों का हुआ इलाज, इमरजेंसी में भरती हुये 19 मरीज मुजफ्फरपुर : सरकार के आश्वासन के बाद गुरुवार को दोपहर 12.30 बजे जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल तोड़ दी. पीएमसीएच से इसकी सूचना आने […]

प्रधान सचिव ने मांगों पर विचार करने का दिया भरोसा

पीएमसीएच से सूचना आने के बाद काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर
215 मरीजों का हुआ इलाज, इमरजेंसी में भरती हुये 19 मरीज
मुजफ्फरपुर : सरकार के आश्वासन के बाद गुरुवार को दोपहर 12.30 बजे जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल तोड़ दी. पीएमसीएच से इसकी सूचना आने के बाद एसकेएमसीएच के जूनियर डॉक्टर वापस काम पर लौट आये. इसके बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ जीके ठाकुर ने सभी विभागों के ओपीडी का ताला खुलवाया. दोपहर 12.40 बजे सभी विभागों में जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आये. मरीजों की भीड़ को देखते हुए आेपीडी शाम चार बजे तक चला. इस दौरान 215 मरीजों का इलाज किया गया. इमरजेंसी में भी 31 मरीज आये.
हालांकि, ओपीडी नहीं चलने के कारण कई गंभीर मरीजों को लेकर परिजन नर्सिंग होम में लेकर चले गये. मेडिसीन, शिशु रोग, सर्जरी व अन्य विभागों के ओपीडी के बाहर सुबह से मरीज बैठे रहे.
पीएमसीएच से सूचना के बाद काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर
पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की मांगों पर विचार करने के आश्वासन के बाद वे काम पर लौट आये. पीएमसीएच की घटना के बाद डॉक्टरों ने सरकार के समक्ष तीन मांगें रखी थीं. इसमें मेडिकल प्रोक्टेशन एक्ट लागू करने, क्लीनिकल इस्टैब्लिस्मेंट एक्ट में बदलाव लाने व पीएमसीएच में डॉक्टरों के साथ मारपीट करने वाले दोषियों को गिरफ्तार करना था.
भटकते रहे परिजन : ओपीडी में इलाज नहीं होने के कारण कई परिजन मरीजों को गोद में उठा कर इधर-उधर भटकते रहे. चकिया से चलने में असमर्थ मां को इलाज के लिए लाये चंदेश्वर सहनी सुबह से ओपीडी के बाहर बैठे थे. सुबह दस बजे तक जब ओपीडी नहीं खुला तो वे मां को गोद में उठाकर इधर-उधर भटकते रहे. मोतीपुर से आठ वर्षीय बेटी को इलाज के लिए लाये रंधीर कुमार भी सुबह से काफी परेशान थे. तेज बुखार से पीड़ित बेटी को लेकर वे ओपीडी के बाहर बैठे हुए थे. रंधीर ने कहा कि पता होता कि यहां इलाज नहीं हो रहा है तो नर्सिंग होम में ले जाते. ऐसी ही हालत विभिन्न विभागों के ओपीडी के बाहर बैठे मरीजों की थी.
डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति के बाद भी व्यवस्था सिफर : प्रधान सचिव के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रमंडलीय स्वास्थ्य उपनिदेशक डॉ विजय कुमार सिन्हा ने विभिन्न जिलों से 20 डॉक्टरों की एसकेएमसीएच में प्रतिनियुक्ति की थी, लेकिन यहां इलाज की व्यवस्था नहीं संभली. दोपहर 12.30 तक सुचारू रूप से चिकित्सीय व्यवस्था बहाल नहीं हो सकी थी. डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति के बाद भी इमरजेंसी में सभी मरीजों का इलाज नहीं हो रहा था. गंभीर मरीजों की ही भरती ली जा रही थी. हालांकि दोपहर बाद जूनियर डॉक्टरों के काम पर लौटने के बाद स्थिति सामान्य हो गयी.
आश्वासन के बाद हम सभी काम पर लौट आये हैं. जब तक मेडिकल प्रोटेक्क्शन एक्ट लागू नहीं होता, तब तक हमलोगों की सुरक्षा नहीं हो सकती. सरकार को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.
डॉ संजेश मणि, नेता, जूनियर डॉक्टर संगठन, एसकेएमसीएच

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