मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन परिसर से 9.94 के जाली नोट जब्त किये गये हैं. इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों बेतिया के नौतन के रहने वाले हैं. गिरफ्तारी डीआरआइ (राजस्व आसूचना निदेशालय) की मुजफ्फरपुर व पटना की संयुक्त टीम ने की. रविवार की देर रात तक दोनों से पूछताछ जारी थी.
डीआरआइ के सीनियर इंटेलिजेंस अधिकारी शिवेंद्र सत्यार्थी को गुप्त सूचना मिली थी, रविवार को नकली नोट की बड़ी खेप आने वाली है. सूचना मिलते ही पटना व मुजफ्फरपुर की एक विशेष टीम बनायी गयी, जिसमें अशोक कुमार झा,धीरेंद्र कुमार,प्रदीप पांडे,आदित्य रंजन, राजन कुमार, अनुभव कुमार, विमल कुमार, बीएल पासवान व वाइएन तिवारी को शामिल किया गया.
टीम के सदस्यों ने जंकशन व बाहरी परिसर में तस्करों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था. सुबह 6.30 बजे के आसपास हावड़ा से रक्सौल जाने वाली मिथिला एक्सप्रेस से उतर कर जैसे ही नोट तस्कर बैरिया बस स्टैंड जाने के लिए बाहरी परिसर में ऑटो पकड़ने पहुंचे. दोनों को डीआरआइ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. उनकी पहचान पश्चिम चंपारण जिले के नौतन निवासी प्रदीप यादव व रामछत्री यादव के रूप में हुई है. उनके पास
बताया जाता है,डीआरआइ को चकमा देने के लिए नोट तस्कर नये रास्ते से नोट लेकर बेतिया जा रहे थे. दोनों बांग्लादेश से नोटों की खेप लेकर हावड़ा पहुंचे. वहां से बस से बंडिल स्टेशन पहुंच कर मिथिला एक्सप्रेस में सवार हुए. उनके पास से बंडिल से सुगौली तक का टिकट बरामद हुआ है. पूछताछ में प्रदीप यादव ने स्वीकार किया, अब तक वह 10 बार बांग्लादेश जा चुका है. अब तक एक करोड़ से अधिक का नकली नोट वह बांग्लादेश से ला चुका है. प्रदीप की गिरफ्तारी डीआरआइ के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. डीआरआइ अधिकारियों का कहना था कि चकमा देने के लिए प्रदीप मुजफ्फरपुर में ही उतर गया था, जबकि उसके पास सुगौली तक का रेलवे टिकट था. वह मुजफ्फरपुर से बस पकड़ कर बेतिया जाने वाला था, लेकिन उसके पहले ही हत्थे चढ़ गया. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि प्रदीप यादव का नोट तस्करी का अलग गैंग है. देर शाम तक डीआरआइ के अधिकारी उससे पूछताछ में जुटे थे.