18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विवि के तीन प्रोफेसरों की नौकरी पर खतरा

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के तीन शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. विवि तीन प्रोफेसरों पर कभी भी बड़ी कार्रवाई कर सकता है. प्रोफेसरों को विवि की तरफ से पहले ही नोटिस भेजा चुका है. इसमें उन्हें यह बताया गया है कि वे विवि में अपना योगदान दें, लेकिन विवि को नोटिस का […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के तीन शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. विवि तीन प्रोफेसरों पर कभी भी बड़ी कार्रवाई कर सकता है. प्रोफेसरों को विवि की तरफ से पहले ही नोटिस भेजा चुका है. इसमें उन्हें यह बताया गया है कि वे विवि में अपना योगदान दें, लेकिन विवि को नोटिस का कोई जवाब नहीं मिला है. ऐसे में विवि इन प्रोफेसरों की सेवा समाप्ति पर अपनी मुहर लगाने का मन बना रहा है.
पांच प्रोफेसर थे पांच साल के लिव एंड लीयन पर
बीआरए बिहार विवि के पांच प्राेफेसर पांच साल के लीव एंड लीयन पर थे. पांच सालों से विवि इनकी कोई खोज-खबर नहीं ले रहा था. लेकिन सीनेट व सिंडिकेट की बैठक में यह मुद्दा जोर-शोर से उठा था. इसके बाद विवि नींद से जागा है. विवि ने पांचाें प्रोफेसरों को नोटिस भेजा गया. नोटिस मिलने के बाद प्रोफेसर विभाष यादव व प्रोफेसर कंचनमाला पंडित ने विवि में अपना योगदान दिया, लेकिन प्राेफेसर डॉ लक्ष्मण जायसवाल, डॉ सौरभ सहित अन्य प्राेफेसरों ने अपना योगदान अबतक नहीं दिया है.
13 प्रोफेसर हैं लिव एंड लीयन पर
बीआरए बिहार विवि की रहमो-करम ऐसी है कि 13 प्रोफेसर अभी भी लीव एंड लीयन पर हैं. इनमें सभी प्रोफेसरों का करीब चार वर्ष से अधिक समय पूरा हो चुका है. सभी प्रोफेसरों को भी विवि की ओर से नोटिस भेजा गया है, लेकिन अबतक विवि को इसका कोई जवाब नहीं मिला है.

विवि सूत्रों की मानें तो सभी प्रोफेसर विवि की नौकरी करने के साथ कही और भी सेवा दे रहे हैं. लेकिन विवि ऐसे प्रोफेसरों पर कानूनी नियमों का हवाला देकर कार्रवाई करने से बच रहा है.
विवि के कॉलेजों में शिक्षकों की घोर कमी
बीआरए बिहार विवि के 39 कॉलेजों में 588 पद रिक्त हैं. कुल पद 1831 हैं. विभागों की स्थिति तो और भी बदहाल है. यहां 230 पदों के सापेक्ष 104 पद रिक्त हैं. जबकि विवि के आला अधिकारियों का मनाना है कि शिक्षकों कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इसके बावजूद लीव एंड लीयन पर गये शिक्षकों पर विवि अपना रहमो-करम बरकरार किये हुए है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें