मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच से इंसोफ्लोपैथी से पीड़ित बच्ची के अस्पताल छोड़ने की जांच के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ जीके ठाकुर ने टीम गठित कर दी है. जांच के लिए पांच सदस्य टीम की गठन किया गया है. टीम के अध्यक्षता डॉ कमलेश तिवारी करेंगे. टीम में उपाधीक्षक डॉ सुनील शाही, डॉ अवधेश कुमार, डॉ अरविंद कुमार व मेट्रोन को टीम का सदस्य बनाया गया है. जांच टीम इस बात की जांच करेगी कि परिजन किन कारणों से बच्ची को अस्पताल से ले गए
उसे नर्स के द्वारा फटकार तो नहीं लगाया गया था. मालूम हो की शिवहर जिला के तरियानी थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव निवासी अजय महतो के पुत्री चंदा कुमारी को 10 अप्रैल को एसकेएमसीएच में भरती कराया गया था. परिजन को नर्स ने फटकार लगाई थी. जिसके बाद चंदा के परिजन बच्ची को लेकर घर चले गये थे. जिसके बाद उसकी मौत हो गयी. हालांकि बच्ची के पिता अजय ने कहा कि अस्पताल में मौत होने के बाद वे उसे घर लेकर आये.
. मुशहरी में दर्जनों बच्चे बीमार
कुढ़नी प्रखंड के माड़ीपुर मनियारी व किसुनपुर जयनारायण के दर्जनों बच्चे चिकेन पॉक्स व डायरिया से पीड़ित हैं. बीमार एक बच्चे ने दम तोड़ दिया. सूचना पर डॉक्टरों की टीम वहां पहुंची है.
कुढ़नी : कुढ़नी प्रखंड के माड़ीपुर मनियारी व किसुनपुर जय नारायन गांव मे चिकेन पॉक्स का प्रकोप रुकने का नाम नही ले रहा है. गुरूवार को इसके प्रकोप से ग्रसित देव नारायण के नौ वर्षीय पुत्र राजकुमार ने दम तोड़ दिया. वहीं गांव मे अब भी दो दर्जन से अधिक बच्चे चिकेन पॉक्स व डायरिया से पीड़ित हैं. बीमार बच्चों मे दुर्गाकांत झा की छह वर्षीय पुत्री ऋचा कुमारी ,दसई ठाकुर की छह वर्षिया पुत्री रीना कुमारी, सुकन शाह का साढ़े तीन साल का पुत्र मोन, रविन्द्र राय का ढाई वर्षीय पुत्र राहुल कुमार, दिलिप कुमार का 14 वर्षीय पुत्री सुष्मिता कुमारी आदि दर्जनों बच्चे शामिल हैं.
इसके अलावा बगल के किसुनपुर जय नारायन गांव के महादलित टोले में भी एक दर्जन से अधिक बच्चे चिकेन पॉक्स व डायरिया से पीड़ित हैं. गुरुवार की शाम चिकेन पॉक्स से एक बच्चे की मौत की सूचना पाकर मनियारी एपीएचसी के डाक्टरों की टीम पहुंची. टीम ने सभी बीमार बच्चों की जांच की.
स्वास्थ्य विभाग के रवैये पर लोग नाराज :
गांव के कालीकांत झा ने स्वास्थ्य विभाग के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यहां चेचक व डायरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. समय पर इन बच्चों का इलाज नहीं हुआ तो यह महामारी के रूप ले सकता है. ग्रामीणों ने एंबुलेंस के साथ डॉक्टरों की टीम को कैंप लगा कर इलाज करने की मांग की.
दो दर्जन से अधिक बच्चे चिकेन पॉक्स से पीड़ित
मनियारी एपीएचसी की टीम ने की बीमार बच्चों की जांच
स्वास्थ्य विभाग ने दिया पीएचसी को जांच का निर्देश
गांव में बच्चों के इलाज के लिए पीएचसी को निर्देश दिया गया है. जांच के बाद ही पता चलेगा कि बच्चे की मौत किस कारण से हुई है.
डॉ अनिल कुमार सिन्हा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी
48 घंटे में नहीं हो रही इंसोफ्लोपैथी की पहचान
मुजफ्फरपुर : जिले के डॉक्टरों में अब भी इंसोफ्लोपैथी को लेकर मतभेद बना हुआ है. डॉक्टर अभी तक इस बीमारी पर एकमत नहीं हैं. नतीजा संभावित लक्षणों वाले जो मरीज भरती किये जा रहे हैं, उनकी बीमारी की पहचान नहीं की जा रही है. बीएसटी पर बुखार व चमकी लिख कर छोड़ दिया जा रहा है. सरकार की ओर से संभावित मरीजों की सभी जांच कर 48 घंटे के अंदर बीमारी की पहचान के निर्देश के बावजूद विभाग पीड़ित बच्चों में बीमारी की पुष्टि नहीं कर रहा है.
एसकेएमसीएच के पीयूसीआई में भरती अचला कुमारी पिछले तीन दिनों से बीमारी से जूझ रही है. लेकिन अभी तक डॉक्टर ने उसके पुरजे पर बीमारी कंफर्म नहीं की है.
यहां इलाजरत खुशी परवीन को टीबीएम का मरीज बताया गया है, जबकि वह भी तेज बुखार व चमकी से जूझ रही है. सीतामढ़ी के चंदन कुमार को चिकेन पॉक्स का मरीज बताया गया है. डॉक्टर कहते हैं कि जब तक पूरी रिपोर्ट नहीं आयेगी, तब तक वह पुरजे पर इंसोफ्लोपैथी नहीं लिखेंगे.