मुजफ्फरपुर: चक्कर मैदान में सेना की जमीन का कहीं अतिक्रमण तो नहीं हुआ है! सेना खुद इसकी जांच करेगी. इसके लिए चक्कर मैदान में सेना की जमीन की नये सिरे से मापी करायी जायेगी. रजिस्ट्री कार्यालय के रिकॉर्ड व नक्शा से भी इसका मिलान होगा. मापी में जिला प्रशासन के सक्षम पदाधिकारियों को भी शामिल […]
मुजफ्फरपुर: चक्कर मैदान में सेना की जमीन का कहीं अतिक्रमण तो नहीं हुआ है! सेना खुद इसकी जांच करेगी. इसके लिए चक्कर मैदान में सेना की जमीन की नये सिरे से मापी करायी जायेगी. रजिस्ट्री कार्यालय के रिकॉर्ड व नक्शा से भी इसका मिलान होगा. मापी में जिला प्रशासन के सक्षम पदाधिकारियों को भी शामिल करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए दानापुर डिफेंस इस्टेट पदाधिकारी ने जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह को पत्र लिखा है. इसमें उन्हें नापी व सर्वे के लिए सक्षम पदाधिकारी का नाम व वे जमीन के रिकाॅर्ड व नक्शा के साथ किस तिथि को इसके लिए उपलब्ध रहेंगे, इस बारे में बताने को कहा गया है.
दरअसल, चक्कर मैदान में सेना की जमीन को लेकर विवाद काफी पुराना है. यह तूल तब पकड़ा था, जब वर्ष 2011-12 में चक्कर मैदान से प्रभात तारा स्कूल होते हुए गोबरसही जाने वाले रास्ते की मरम्मती की योजना बनायी गयी थी. तब सेना ने इसके लिए एनओसी देने से इनकार कर दिया. हालांकि बीते साल 25 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा की तैयारी के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग को उक्त सड़क की मरम्मत का कार्य करने की अनुमति मिली.
इधर, बीते दिनों सेना ने सैन्य छावनी के समीप बन रहे चार मंजिला या इससे बड़ी इमारतों पर भी आपत्ति जतायी थी. इसके लिए रक्षा मंत्रालय के उस आदेश का हवाला दिया गया, जिसमें सैन्य क्षेत्र के पांच सौ मीटर के दायरे में ऐसी इमारतों के निर्माण से
पूर्व सेना से एनओसी लेने की बात कही गयी थी. जिला प्रशासन ने मामले की जांच की जिम्मेदारी मुशहरी सीओ को सौंपी है.