मुजफ्फरपुर: शव यात्र की तैयारी पूरी हो चुकी थी. अर्थी पर शव रखा जा चुका था. शव यात्र के लिए परिजन व आस-पड़ोस के लोग जमा थे. अर्थी उठने ही वाली थी कि तभी बगल में रो रही महिला परिजनों ने शव को अंतिम बार देखने की इच्छा प्रकट की. जैसे ही शव के चेहरे से कफन उठा, मौके पर मौजूद सभी लोग भौचक रह गये. दरअसल, जिस शव को वो अपना मान कर अंतिम यात्र की तैयारी कर रहे थे, वो पराया निकला.
मामला साहेबगंज के जहांगीरपुर गांव का है. बुधवार की देर शाम बाराती जाने के क्रम में स्थानीय निवासी अशोक ठाकुर (30) की बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. उस बाइक पर उनके साथ जैतपुर ओपी क्षेत्र के रेपुरा रामपुर निवासी उनका भगीना अशोक कुमार भी था. दोनों बुरी तरह घायल हो गये. इलाज के लिए उन्हें एसकेएमसीएच लाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.
गुरुवार को अशोक के भाई भागीरथ कुमार के बयान पर उन दोनों का पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के बाद दोपहर दो बजे अजरुन ठाकुर का शव ऐंबुलेंस से साहेबगंज के परसौनी भेजा गया. यहीं पर गफलत हो गयी. गुरुवार को ही ब्रह्मपुरा में बम बनाने के क्रम में हुई दुर्घटना में मारे गये मोतिहारी निवासी रमेश कुमार श्रीवास्तव का भी पोस्टमार्टम हुआ. पोस्टमार्टम रूम के कर्मचारियों ने जिस शव को अजरुन ठाकुर का शव मान कर साहेबगंज भेज दिया, दरअसल वह रमेश कुमार श्रीवास्तव का था.
खुलासा तब हुआ जब गुस्से से तिमतिमाये अजरुन ठाकुर के भाई राजकुमार व चार-पांच अन्य लोग उस शव के साथ दुबारा एसकेएमसीएच पहुंचे. उन लोगों ने वहां जम कर हंगामा किया. आखिर में पोस्टमार्टम रूम के कर्मचारियों ने अपनी गलती स्वीकार की. इसके बाद वहां रखे शवों में से अजरुन ठाकुर के शव की पहचान करायी गयी. शाम करीब पांच बजे परिजन अजरुन ठाकुर का शव लेकर साहेबगंज के लिए रवाना हुए, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया.
पोस्टमार्टम के बाद गलत शव दे दिया जाना गंभीर मामला है. इसकी जांच की जायेगी. विभाग से भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की जायेगी. दोषी पाये जाने पर किसी को बख्सा नहीं जायेगा. पोस्टमार्टम रूप में पैसे मांगे जाने की अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है.
डॉ विकास कुमार, प्राचार्य, एसकेएमसीएच