मुजफ्फरपुर : जिले के सात बड़े शराब माफिया पर आर्थिक अपराध इकाई ने शिकंजा कस दिया है. आर्थिक अपराध के आइजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने डीएम व एसएसपी को रिमाइंडर पत्र देकर अवैध शराब के कारोबार से इनके द्वारा अर्जित गयी संपत्ति को जब्त करने का निर्देश दिया है.
आइजी गंगवार ने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक कार्यालय से 23 फरवरी 2016 काे जारी पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट ऑरडियंस 1994 के तहत जिले के सात शराब के अवैध करोबारी जगन्नाथ राय, सीताराम राय, विश्वनाथ साह, भोला राय, देवानंद राय, राजा पटेल, राजू चौधरी, संदीप सिंह पर हुई कार्रवाई का रिपोर्ट मांगा गया था.
लेकिन मुजफ्फरपुर एसएसपी ने जो कार्रवाई के बारे में जानकारी दी इससे स्पष्ट होता है कि अब तक इनके खिलाफ कार्रवाई यथावत है. न्यायिक रूप से अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंचा गया है. न्यायालय के समक्ष अभियाेजन का पक्ष पूर्ण रूप से मजबूती से नहीं रखा जा रहा है. इसके कारण दो तीन वर्षो से मामला लंबित चल रहा है. आइजी ने डीएम व एसएसपी को निर्देश दिया है कि मामले त्वरित कार्रवाई किया जाये ताकि गबन की राशि की जब्ती हो सके.
नेकनामपुर जहरीली कांड से जुड़ा है मामला
पारू प्रखंड में जनवरी 2012 में नेकनामपुर में जहरीली शराब से 11 लाेगों की हुई मौत के बाद शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस व उत्पाद विभाग ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन किया था. जिसमें बड़े पैमाने पर स्परीट लाकर नकली शराब की फैक्ट्री चलाने की बात सामने आयी थी.
घटना की हुई मजिस्ट्रेट जांच में इन सातों शराब कारोबारी को स्परीट होलसेल सप्लायर के रूप में चिह्नित किया गया था. इन सभी शराब कारोबारी पर एक्साइज व थाने में कई मामले भी दर्ज है. संदीप सिंह का तो एक ट्रक माल भी जब्त किया गया था. जिसकी कीमत लाखों में आंकी गयी थी. नेकनामपुर घटना में दो लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी.
करोड़ों के राजस्व क्षति . अवैध शराब कारोबारी पर एक साल में हुए राजस्व क्षति का आकलन किया गया है, जो करोड़ों में है. क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट ऑरडियंस के नियम के मुताबिक संपत्ति जब्ती का आकलन सरकार के एक साल में संभावित राजस्व क्षति पर किया जाता है.