विभागीय निर्देश पर पथ प्रमंडन संख्या-1 के कार्यपालक अभियंता ने भू-अर्जन विभाग को करीब 7.96 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर भेजा. लेकिन इसमें कई प्रकार की त्रुटियां पायी गयी है. जैसे खाता संख्या- 319, 5, 233 व 216 में खतियान ही उपलब्ध नहीं है. तो खाता संख्या- 543, 512, 286 व 388 में खाताधारी रैयत का नाम अंकित नहीं है. इसी तरह कई खाताधारियों के रैयत के नाम में भी गड़बड़ी पायी गयी है. जमाबंदी से संबंधित कॉलम भी खाली छोड़ दिया गया है. कानूनगों ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसमें सुधार का निर्देश दिया है.
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फ्लिप रोड का भू-अर्जन का प्रस्ताव फंसा
मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर से रेवा घाट तक बन रहे भगवानपुर ओवरब्रिज में ग्यारह स्थल पर फ्लिप रोड (ऊपरी पहुंच पथ) निर्माण के लिए भू-अर्जन का मामला फंस गया है. पथ प्रमंडल संख्या-1 के कार्यपालक अभियंता की ओर से भेजे गये प्रस्ताव में काफी त्रुटियां पायी गयी हैं. इस पर कानूनगों ने आपत्ति जताते हुए विभाग को […]
मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर से रेवा घाट तक बन रहे भगवानपुर ओवरब्रिज में ग्यारह स्थल पर फ्लिप रोड (ऊपरी पहुंच पथ) निर्माण के लिए भू-अर्जन का मामला फंस गया है. पथ प्रमंडल संख्या-1 के कार्यपालक अभियंता की ओर से भेजे गये प्रस्ताव में काफी त्रुटियां पायी गयी हैं. इस पर कानूनगों ने आपत्ति जताते हुए विभाग को नये सिरे से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. इसके बाद भू-अर्जन विभाग ने संबंधित संचिका पथ प्रमंडल संख्या-1 के कार्यपालक अभियंता को लौटा दी है.
दरअसल, भगवानपुर ओवरब्रिज के निचले इलाकों से पुल पर आवागमन के लिए रेलवे ने ग्यारह स्थलों पर सड़क से ऊपरी पुल पर पहुंच पथ बनाने का फैसला लिया है. यह साढ़े तीन मीटर व्यास का होगा. इस तरह के फ्लिप रोड का निर्माण प्राय: ओवरब्रिज के प्रत्येक एक किलोमीटर पर होता है. फ्लिप रोड के निर्माण को आधार तैयार करने के लिए पुल के सटे जमीन की जरूरत है. कास्ट शेयरिंग के आधार पर राज्य सरकार को इसके लिए जमीन उपलब्ध करानी है.
आथर घाट पुल व संपर्क पथ को तीन गांव की जमीन अर्जन के प्रस्ताव में भी त्रुटि
द्वारिकानगर-सर्फुद्दीनपुर पथ में बुढ़ीगंडक नदी के आथर घाट पर पहुंच पथ, बचाव कार्य सहित आरसीसी पुल निर्माण के लिए भू-अर्जन का प्रस्ताव भी फिलहाल फंस गया है. भगवानपुर ओवरब्रिज की तरह की त्रुटियां इस प्रस्ताव में भी मिली है. मामला तीन गांवों से जुड़ा है. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने इसके लिए विशनपुर जगदीश, बिंदा व आथर बंगवन में जमीन अर्जन का प्रस्ताव भेजा है. लेकिन इसमें में भी कई जमीनों के खतियान की सत्यापित कॉपी उपलब्ध नहीं है. कुछ जमीन के खाताधारी रैयत का नाम, तो कुछ में जमाबंदी का जिक्र नहीं है. कानूनगो के आपत्ति के बाद भू-अर्जन विभाग ने निगम के वरीय परियोजना अभियंता को संचिका लौटाने का फैसला लिया है. उन्हें जांच कर नये सिरे से रिपोर्ट देनी होगी.
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