नयी दवा से भी नियंत्रण में नहीं कालाजारडीडीटी की जगह हो रहा सिंथेटिक पैराथ्राइड का छिड़कावनयी दवा भी हो रहा बेअसर, नहीं मर रही बालू मक्खीवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . जिले में कालाजार उन्मूलन के लिए सिंथेटिक पैराथ्राइड दवा का छिड़काव का भी कोई असर नहीं रहा. विभाग की ओर से डीडीटी की जगह इस दवा का छिड़काव किया गया था. इसका उद्देश्य कालाजार उन्मूलन था, लेकिन यह दवा भी कारगर साबित नहीं हुई. मुजफ्फरपुर में कालाजार के मरीज पिछले एक दो महीने में बढ़ गये हैं. नये सर्वे के अनुसार जिले में 774 कालाजार के मरीज हैं. दो महीने के अंदर 14 नये मरीजों की पुष्टि हुई है. जबकि इसकी संख्या लगातार बढ़ रही है. पिछले वर्ष 800 कालाजार के मरीजों की पुष्टि हुई थी. विभाग की ओर से नयी दवा के छिड़काव का उद्देश्य कालाजार के वाहक बालू मक्खी का उन्मूलन था. लेकिन यह दवा भी असरदायक साबित नहीं हो रही है. हालांकि छिड़काव कर्मियों का कहना है कि बालू मक्क्खी के नहीं मरने का कारण कई लोगों का दवा छिड़काव नहीं कराना है. दवा छिड़काव नहीं होने से मक्खी नहीं मरती, जिससे बीमारी का प्रकोप बढ़ता रहता है. अब नयी मशीन से होगा दवा का छिड़कावदवा के बेहतर असर के लिए विभाग ने अब कंप्रेशिंग मशीन से दवा छिड़काव की योजना बनायी है. इसके तहत कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वे इस मशीन से दवा का छिड़काव कैसे करें. प्रशिक्षण की शुरुआत मंगलवार को कुढ़नी प्रखंड से की जायेगी. मलेरिया पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि नयी मशीन से छिड़काव के लिए कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. पंचायत स्तर पर मुखिया से भी अनुरोध किया जा रहा है कि वे लोगों को दवा छिड़काव कराने के लिए तैयार करें.
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नयी दवा से भी नियंत्रण में नहीं कालाजार
नयी दवा से भी नियंत्रण में नहीं कालाजारडीडीटी की जगह हो रहा सिंथेटिक पैराथ्राइड का छिड़कावनयी दवा भी हो रहा बेअसर, नहीं मर रही बालू मक्खीवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . जिले में कालाजार उन्मूलन के लिए सिंथेटिक पैराथ्राइड दवा का छिड़काव का भी कोई असर नहीं रहा. विभाग की ओर से डीडीटी की जगह इस दवा […]
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