मनोरोग का समझने वाले नहीं रहे कवि पंकज29 नवंबर का उनका वक्तव्य बना इतिहास मुजफ्फरपुर . डॉ विनय अमेरिकी साम्राज्यवाद से भली भांति परिचित हैं. अमेरिका की बढ़ती लालसा का उन्होने विरोध किया है.उनके लेखन में असहमित का स्वर है. डॉ विनय ने अपने मूल व्यवसाय से अलग रचनाशीलता को जगह दी. समाज की चिंताओं व सरोकारों को विस्तार दिया है. शहर के एक कार्यक्रम में पंकज सिंह का अंतिम वक्तव्य था. अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान समारोह समिति की ओर से 29 नवंबर को आयोजित समारेाह में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने लोगों से कई बातें साझा की थी. लेखक डॉ विनय की पुस्तक को उन्होंने समाज के लिए उपयोगी बताया था. उन्होंने कहा था कि मनाेरोग से वे परिचित हैं. जर्मनी प्रवास के दौरान कई मनोचिकित्सक उनके मित्र थे. वे उनके काम को देखते थे. साथ रहने से उन्होंने भी चेतन व अचेतन को समझा. डॉ विनय को सम्मान देने के बाद वे साहित्यकारों से मिले व उनसे बातचीत की. कई पुराने मित्रों का हालचाल लिया. फिर वे वापस हो गये. ………………………………………………………पंकज सिंह के निधन से साहित्यकारों में शोक की लहरमुजफ्फरपुर . समकालीन कविता के पंकज सिंह के निधन से शहर के साहित्यकारों में शोक की लहर है. जैसे ही लोगों को यह सूचना मिली कि कवि पंकज नहीं रहे, लोगों ने एक दूसरे को फोन कर इसकी जानकारी ली. साहित्यकार डॉ संजय पंकज ने कहा कि समकालीन हिंदी कविता के वे बड़े हस्ताक्षर थे. उन्होंने कविता को एक ऊंचाई दी थी. उनके निधन से हिंदी कविता को काफी क्षति हुई है. डॉ रमेश ऋतंभर ने कहा कि सच को सच कहने का साहस पंकज सिंह में था. उनकी क्रांतिकारी चेतना व समाज को बदलने के मुहिम से एक बदलाव हुआ. उन्होंने कभी विचारों के साथ समझौता नहीं किया. वीरेन नंदा ने भी कवि पंकज सिंह को याद करते हुए कहा कि अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान में उन्हें देख कर कोई सोच भी नहीं सकता था कि वे इतनी जल्दी साथ छोड़ जायेंगे. डॉ रश्मिरेखा ने भी इनके निधन को देश व शहर के लिए अपूरणीय क्षति बताया. डॉ पूनम सिंह ने कहा कि पंकज सिंह की कविताएं हमेशा आम आदमी के पक्ष में रही. उनके लिए कविता यथार्थ को चित्रित करना था.
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मनोरोग का समझने वाले नहीं रहे कवि पंकज
मनोरोग का समझने वाले नहीं रहे कवि पंकज29 नवंबर का उनका वक्तव्य बना इतिहास मुजफ्फरपुर . डॉ विनय अमेरिकी साम्राज्यवाद से भली भांति परिचित हैं. अमेरिका की बढ़ती लालसा का उन्होने विरोध किया है.उनके लेखन में असहमित का स्वर है. डॉ विनय ने अपने मूल व्यवसाय से अलग रचनाशीलता को जगह दी. समाज की चिंताओं […]
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