मुजफ्फरपुर: माड़ीपुर रेलवे ओवरब्रिज हादसे में ट्रैक रखरखाव में लापरवाही बरती गयी थी. घटना के बाद तैयार की गयी संयुक्त रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है. शुक्रवार को यह रिपोर्ट सीआरएस सुदर्शन नायक के समक्ष भी पेश की गयी है.
बुधवार की घटना को लेकर ट्रैफिक इंस्पेक्टर आरके शर्मा, कैरेज के सीनियर सेक्शन इंजीनियर एससी मंडल, सिगनल के इंजीनियर कैलाश ठाकुर व पीडबल्यूआइ दिनेश पांडेय की एक कमेटी बनायी गयी थी, जिन्हें पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट तैयार करनी थी. जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना के उपलब्ध तथ्यों के सूक्ष्म मुआयना के बाद प्रथम दृष्टया अवपथन का कारण ट्रैक अनुरक्षण कार्य में कमी है.
वैगन के मापी के बाद सही अवपथन का कारण पाया जा सकता है. इस रिपोर्ट पर इंजीनियर दिनेश पांडेय ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था. बताया जाता है कि जांच में इन्हीं के विभाग की लापरवाही सामने आयी है. उन्होंने जांच रिपोर्ट पर असहमति जाहिर करते हुए अवपथन का मुख्य कारण वैगन के पाइवट का जाम होना बताया है. इधर, गुरुवार को जांच के क्रम में चार क्षतिग्रस्त वैगन की मापी नारायणपुर डिपो में की गयी थी. मापी में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं पायी गयी है.
प्वाइंट ऑफ ड्राप पर 49 एमएम का अंतर
जिस जगह पर मालगाड़ी का चक्का गिरा है, वहां पर दोनों पटरी के बीच की मानक दूरी में 49 एमएम का अंतर पाया गया है. बताया जाता है कि ब्रॉडगेज की दो पटरी के बीच की दूरी 1676 एमएम होती है. यहीं नहीं, दोनों पटरियों के ऊंचाई में अंतर पाया गया है. दायां तरफ की पटरी 24 एमएम ज्यादा ऊंची पायी गयी है. प्रथम अवपथन बिंदु से सातवें रीडिंग तक अंतर पाया गया है. क्रॉस लेवल में भी सातवें बिंदु तक अंतर पाया गया है.