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डीडीइ में खुलेंगे दो नये विभाग

मुजफ्फरपुर: विवि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में जल्द ही दो नये विभाग खुलेंगे. इसमें एक विभाग का नाम होगा डिपार्टमेंट ऑफ प्रोफेशनल एंड स्कील डेवलपमेंट. इसमें सभी तकनीकी व प्रोफेशनल सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा व डिग्री की पढ़ाई रेगुलर मोड में होगी. यही नहीं, इस विभाग में कंप्यूटर साइंस, लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विषयों […]

मुजफ्फरपुर: विवि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में जल्द ही दो नये विभाग खुलेंगे. इसमें एक विभाग का नाम होगा डिपार्टमेंट ऑफ प्रोफेशनल एंड स्कील डेवलपमेंट. इसमें सभी तकनीकी व प्रोफेशनल सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा व डिग्री की पढ़ाई रेगुलर मोड में होगी. यही नहीं, इस विभाग में कंप्यूटर साइंस, लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विषयों में एमफिल कोर्स की पढ़ाई भी होगी. दूसरा विभाग होगा हेल्थ एंड अलाइड साइंस डिपार्टमेंट.

इसमें सभी पारामेडिकल व विज्ञान विषयों के ऑनर्स व पीजी कोर्स की पढ़ाई होगी. गुरुवार को कुलपति की अध्यक्षता वाली एडवाइजरी बोर्ड ने इसकी मंजूरी दे दी है. एकेडमिक कौंसिल, सिंडिकेट व सीनेटी की मंजूरी के बाद इसके लिए पहल शुरू होगी. एडवाइजरी बोर्ड ने यूजीसी के गाइड लाइन के तहत प्रोफेशनल व पारामेडिकल कोर्स को मॉड्यूलर मोड में चलाने का फैसला लिया है. इसके लिए प्रोफेशनल कोर्स में छह माह का कोर्स पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट, एक साल बाद डिप्लोमा व दो साल बाद एडवांस डिप्लोमा की डिग्री छात्रों काे दी जायेगी. बोर्ड ने बीएड कोर्स के लिए पांच नये स्टडी सेंटर खोलने की अनुमति भी दे दी है. इस तरह अब निदेशालय के दस स्टडी सेंटर में बीएड कोर्स की पढ़ाई होगी. बोर्ड ने 6400 वर्ग फीट में तीन मंजिले भवन निर्माण के लिए भी हरी झंडी दे दी है.

शुरू होंगे चार नये कोर्स .एडवाइजरी बोर्ड ने निदेशालय में पारामेडिकल के चार डिग्री कोर्स भी शुरू करने का फैसला लिया है. ये कोर्स होंगे, बीएससी इन मेडिकल लैब टेक्नीशियन, बीएससी इन हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर मैनेजमेंट, बीएससी इन रेडियोलॉजी एंड इमेज टेक्नोलॉजी व बीएससी इन योगा एंड नेचुरल थेरेपी. ये चारों कोर्स बी-वोक के रूप में शुरू होंगे. इसके लिए यूजीसी को 1.85 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा जायेगा.
पीजी में 30 अंकों का होगा आंतरिक मूल्यांकन .विवि में रेगुलर मोड वाले पीजी कोर्स की तरह डिस्टेंस मोड में भी टर्म इंड एग्जाम में थ्योरी व आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा का अनुपात 70:30 होगा. अब तक यह 80:20 था. यही नहीं, सामाजिक विज्ञान के सोलहवें पेपर की परीक्षा का मोड भी अब चेंज होगा. अब तक इसमें सौ अंकों के असाइनमेंट में छात्रों को पांच में से एक प्रश्न का जवाब लिखना होता था. अब ऐसा नहीं होगा. अब छात्रों को इसके बदले सौ अंकों का डिसेंट्रेशन देना होगा, जो न्यूनतक 50 पेज का होना अनिवार्य होगा. इसके अलावा इस विषय में फोर्थ सेमेस्टर के छात्रों को 100 अंकों का वायवा भी होगा.
परीक्षा सिस्टम होगा ऑनलाइन . सत्र 2015-16 से निदेशालय का परीक्षा सिस्टम पूरी तरह ऑनलाइन होगा. नामांकन, पंजीयन से लेकर परीक्षा फॉर्म तक ऑनलाइन भरायेगा. यहां तक की कॉपियों की जांच भी ऑनलाइन कराने की दिशा में पहल शुरू होगी. फिलहाल महाराष्ट्र की एजेंसी ने इसके लिए इच्छा जतायी है. लेकिन एडवाइजरी बोर्ड ने इसके लिए टेंडर निकालने का फैसला लिया है. एजेंसी छात्रों को ऑनलाइन औपबंधिक व मूल प्रमाण पत्र भी मुहैया करायेगी.
आरडीएस प्रबंधन की मांग ठुकरायी
निदेशालय में बीएड व एमफिल परीक्षा के लिए आरडीएस कॉलेज को केंद्र बनाया गया है. इसमें परीक्षक की भूमिका निभाने वाले शिक्षकों के लिए 80 रुपये की दर से रेमुनरेशन तय है. कॉलेज प्रबंधन ने इसे बढ़ा कर पांच सौ रुपये करने का प्रस्ताव रखा था. लेकिन एडवाइजरी बोर्ड ने इसे ठुकरा दिया है. इसके बदले बोर्ड ने प्रति शिक्षक दो सौ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर अगली बैठक में रखने का निर्देश दिया. बैठक में वित्त परामर्शी जी माहीउद्दीन, डीडीइ के निदेशक डॉ शिवजी सिंह, कुलानुशासक डॉ सतीश कुमार राय, कुलसचिव डॉ रत्नेश मिश्रा, वित्त अधिकारी आरएनपी सिंह, विकास अधिकारी डॉ कल्याण कुमार झा, डीडीइ के प्रशासनिक अधिकारी ललन कुमार सहित अन्य लोग शामिल थे.

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