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24 घंटे तक जलने दी गयी संचिका

24 घंटे तक जलने दी गयी संचिका मीनापुर प्रकरण: -घटना के दूसरे दिन तक नहीं किया गया आग बुझाने का प्रयास -डीइओ जांच के लिए पहुंचे तब कर्मचारियों से पानी डलवाया -बीआरसी में ताला बंद करके बाहर बैठे थे बीइओ व बीआरपी संवाददाता, मुजफ्फरपुर मीनापुर बीआरसी में अगजनी के मामले में किसका हाथ है, यह […]

24 घंटे तक जलने दी गयी संचिका मीनापुर प्रकरण: -घटना के दूसरे दिन तक नहीं किया गया आग बुझाने का प्रयास -डीइओ जांच के लिए पहुंचे तब कर्मचारियों से पानी डलवाया -बीआरसी में ताला बंद करके बाहर बैठे थे बीइओ व बीआरपी संवाददाता, मुजफ्फरपुर मीनापुर बीआरसी में अगजनी के मामले में किसका हाथ है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा, लेकिन विभाग के पास बीइओ की लापरवाही के पुख्ता सबूत है. घटना के दूसरे दिन यानी करीब 24 घंटे बाद जब जांच के लिए मुख्यालय से डीइओ पहुंचे, तब तक फाइलों में आग सुलग रही थी. हैरान करने वाली बात है कि उस वक्त बीइओ व दो बीआरपी वहीं मौजूद थे, लेकिन किसी ने आग बुझाने का प्रयास नहीं किया था. लापरवाही की इसी वजह के चलते अधिकारी बीइओ व बीआरपी के इस घटना में संलिप्त होने की आशंका भी जाहिर की जा रही हैं. इस बारे में डीइओ ने बीइओ को शॉ-काज नोटिस भी जारी किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. मीनापुर प्रकरण में विभाग की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे को लेकर बवंडर खड़ा हो गया है. डीइओ के निर्देश पर कार्यक्रम पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा ने बीइओ व बीआरपी पर एफआइआर दर्ज कराया है. इस पर विभिन्न संगठनों ने बीआरपी को बचाने के लिए मुहिम शुरू कर दी है. हालांकि विभागीय लोगों का कहना है कि पूरी पड़ताल के बाद ही मुकदमा दर्ज कराया गया है. दरअसल, 18 नवंबर को छठ के पारण का अवकाश था. इसके चलते बीआरसी बंद था. दोपहर में किसी समय बीआरसी के मुख्य द्वार का ताला तोड़ते हुए अंदर कमरे में रखी आलमारी व बक्से का ताला तोड़कर महत्वपूर्ण फाइलों को आग लगा दिया. खास बात यह है कि अगले दिन दोपहर दो बजे डीइओ गणेश दत्त झा व कार्यक्रम पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा जांच के लिए वहां पहुंचे तो उस वक्त था फाइलों में आग सुलग रही थी. विभागीय लोगों की मानें तो जिस वक्त डीइओ वहां पहुंचे, मुख्य द्वार पर ताला बंद था और बाहर दो बीआरपी बैठे थे. पूछने पर बताया कि बीइओ मोहम्मद ईशा भी वहीं पर है. फिर उनको बुलवाया, तो ताला खोले. अंदर अधिकारी पहुंचे तो यह देखकर दंग रह गए कि घंटों बाद तक फाइलों में आग सुलग रही है और उसे बुझाने का प्रयास नहीं किया गया है. डीइओ ने इस पर नाराजगी जताते हुए अन्य कर्मचारियों से पानी लाकर आग बुझाने को कहा. जब बीइओ से आग में हुए नुकसान के बारे में पूछताछ की, तो उनका गैर जिम्मेदाराना बयान था कि अभी सूची नहीं बनी है. थाने में आग की सूचना दे दिए हैं. कल (20 नवंबर को) जली संचिकाओं की लिस्ट बनाकर दे देंगे. आग में जला शिक्षक नियोजन का रिकॉर्ड बीआरसी में अगलगी की घटना में तीन दर्जन से अधिक संचिकाएं जलीं है, जिसमें शिक्षक नियोजन जैसी महत्वपूर्ण फाइलें भी है. खासकर प्रखंड शारीरिक शिक्षक नियोजन की कांउसिलिंग पंजी-2008, शिक्षक योगदान व विरमन संबधित संचिका 2012-15 तक, पंचायत शिक्षक नियोजन की संचिका, नियोजन वर्ष 2014-15 नियामवली रोस्टर व रिक्ति संचिका, शिक्षक नियोजन से सम्बधित पत्राचार की संचिका, तालिमी मरकज से संबधित संचिका व प्राप्त आवेदनों की पंजी 2014-15, नियोजित शिक्षक व 34,540 नियुक्त तथा शारीरिक शिक्षकों से संबधित प्रमाण पत्र व सत्यापन पत्राचार संचिका, वर्ष- 2000 नियोजन से संबधित प्राप्त मूल आवेदन पत्र लगभग संख्या-एक हजार, नियोजन वर्ष 2012 से 14 मे नियोजित शिक्षकों का शपथ पत्र व अनुपस्थिति विवरणी, नियोजित शिक्षकों के 2006 से 2012 तक वेतन भुगतान कैश बुक, रोकड़ पंजी व बीआरसी कैश बुक 2013-14 व 2014-15 वाउचर आदि जल गया है.

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