मुजफ्फरपुर: रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) से रजिस्ट्रेशन करा जिले में कुकुरमुत्ते की तरह फैल चुकी नन बैंकिंग व फाइनेंस की कंपनियों का सच सामने आने लगा है. कई कंपनियों ने रातोंरात अपने बोर्ड बदल दिये हैं. कई ने अपने दफ्तर में ताला दिया है. इसमें काम करनेवाले अधिकारी व कर्मचारियों का अता-पता नहीं है. इसके बीच कुछ ऐसी कंपनियां अभी भी काम कर रही हैं.
इनके अधिकारियों का दावा है, इनके पास आरओसी से रजिस्ट्रेशन है. रिजर्व बैंक व सेबी इन कंपनियों को राज्य में काम करने की अनुमति से पहले ही इनकार कर चुके हैं.आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक बिहार झारखंड पीके जेना का कहना है, बिहार में मात्र दो नन बैंकिंग कंपनी ही है, जिसको आरबीआइ से लाइसेंस प्राप्त है.
इसके बाद जो भी कंपनियां काम कर रही हैं, वो सभी फर्जी है. उनके पास आरओसी से पंजीयन होने के अलावा कोई भी लाइसेंस प्राप्त नहीं है. ये कंपनियां कभी भी लोगों का जमा राशि को लेकर फरार हो सकती है. इन कंपनियों से बचने के लिए लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है.
जिले में नन बैंकिंग व फाइनेंस की कंपनी की संख्या इतनी हो गयी है, शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के हर चौक-चौराहों पर इनके ऑफिस हैं. साहेबगंज में बैंकिंग का हवाला देकर लोगों से निवेश करा रही अमृत प्रोजेक्ट कंपनी ने अक्षय तृतीया की छुट्टी होने का नोटिस टांग दफ्तर में ताला लटका दिया है. इसके अलावा माड़ीपुर चौक स्थित महुआ फाइनेंसियल लिमिटेड के दफ्तर में भी मंगलवार को दोपहर ताला लटका हुआ था.