बेसिक समस्या सुलझे, तो स्मार्ट सिटी पर हो चर्चा – पूर्व जनप्रतिनिधियों ने बताएं स्मार्ट सिटी को टाप-20 में शामिल करना बड़ी चुनौती – शहर में मूलभूत सुविधाओं का बुरा है हाल संवाददाता, मुजफ्फरपुरमुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी की फेहरिस्त में शामिल हो चुका है, लेकिन अब इसे टाॅप-20 में शामिल करवाने के लिए नगर निगम ने अपना पूरा जोर लगाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में पूर्व जनप्रतिनिधियों से भी नगर निगम ने 28 नवंबर को ऑडिटोरियम में परिचर्चा का प्लान बनाया है. इस परिचर्चा में निगम उनकी राय व उनके सपनों के शहर में क्या बदलाव होने चाहिए, उनका शहर कैसा हो? ट्रैफिक सिस्टम में सुधार के लिए निगम क्या करे? पानी निकासी की व्यवस्था कैसे सुधरे? सड़कों पर अतिक्रमण से मुक्ति कैसे मिले? आदि तमाम पहलुओं पर उनकी राय शुमारी जानेगी. प्रभात खबर की टीम ने जब स्मार्ट सिटी के बारे में उनसे चर्चा की, तो बताया कि स्मार्ट सिटी में शामिल हो चुके इस शहर की पहचान जब जाम से होती है, तो ऐसे में स्मार्ट सिटी की कल्पना हम कैसे कर सकते हैं? जब शहर को पानी का कटोरा कहां जाता है, तो ऐसे में हमें पहले मूलभूत सुविधाओं को पाने के लिए लड़ना होगा. जब हम इनको पा लेंगे, तभी हम सपनों के शहर को स्मार्ट सिटी में शामिल कर सपने काे साकार कर पाएगें. शहर का रिमाडलाइजेशन बेहद कठिन शहर में पानी निकासी, शुद्ध पेयजल सबसे बड़ी समस्या है. पहले इससे निजात मिलनी चाहिए. तभी स्मार्ट सिटी पर चर्चा हो. शहर में जो तालाब हैं उनका सौंदर्यीकरण करते हुए उनमें नौका बिहार की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे की शहर खूबसूरत लगे, और इससे रोजगार भी मिलेगा. बताया कि शहर की बसावट कुछ ऐसी है कि शहर को रिमाडलाइजेशन करना बेहद कठिन होगा. स्मार्ट सिटी के लिए यह काम बेहद चुनौती भरा होगा. विजेंद्र चौधरी, पूर्व विधायक शहर की बनावट कटोरानुमा शहर की मूलभूत समस्याओं का निराकरण बेहद जरूरी है, जो इस शहर के लिए बेहद कठिन है. शहर की बनावट कटोरानुमा है. इसलिए शहर को टाप-20 में शामिल करने के लिए नगर निगम को कई चुनौतियों से गुजरना होगा. स्मार्ट सिटी के लिए चमचमाती सड़कें, पानी निकासी की व्यवस्था सुदृढ़ करना बेहद कठिन है. इसलिए पहले जरूरी है कि मूलभूत समस्याओं को दूर करे. तब स्मार्ट सिटी की कल्पना कर सकते है. विमला देवी तुलस्यान, पूर्व मेयरसड़कें हमारा भविष्य हैं स्मार्ट सिटी की जो अवधारणा दुनिया में है. उस हिसाब से शहर की बनावट नहीं है. पहले विकसित किया गया शहर है, इसलिए सड़कों का चौड़ीकरण संभव नहीं है. इसलिए बेहद जरूरी है कि पहले स्मार्ट सिटी के बिर्ल्डस सड़कें बनाएं. सड़कें हमारी भविष्य है. फोरलेन देखकर हमें खुशी होती है. इसलिए जब सड़कें चौड़ी होंगी, तो ट्रैफिक की समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी. बस इसके लिए खुद थोड़ा स्मार्ट होना पड़ेगा. रिपुसूदन श्रीवास्तव, पूर्व कुलपति समस्याओं से हांफ रहा शहर पहले बेसिक सुविधाएं मिले तब बात हम स्मार्ट सिटी की करें. जब शहर में पानी निकासी, जाम, सड़कों पर अतिक्रमण इन सबसे मुक्ति मिले, तभी स्मार्ट सिटी की कल्पना कर सकते है. इन समस्याओं से शहर हांफ रहा है, इस पर निजात के लिए नगर निगम कोई कदम नहीं उठा रहा है. उस पर स्मार्ट सिटी की चर्चा छिड़ी हुई है. इन समस्याओं को खत्म कर दे, तो शहर खुद स्मार्ट हो जाएगा. शिवदास पांडेय, पूर्व प्रशासक वनवे का मतलब नहीं पता व्यवस्थित शहर होना चाहिए. नगर में रहने वाले नागरिकों को कोई परेशानी न हो. खूबसूरती की कल्पना न करें, जितना खूबसूरत शहर बन सके उतना बनाना चाहिए. पानी की समस्या बेहद बड़ी है. ट्रैफिक व्यवस्था का बुरा हाल है. वनवे का मतलब क्या है. यह शहर के लोगों को पता नहीं है. ऐसे में स्मार्ट सिटी कैसे बन सकता है. बच्चों के लिए पार्क हो. कला संस्कृति के लिए ऑडिटोरियम हो. विवेक कुमार, उप मेयरमरीन ड्राइव की तरह हो निर्माण इस शहर की कोई अपनी पहचान नहीं है. शहर की पहचान जाम से होती है. इस पहचान को खत्म करने की जरूरत है. शहर में अगर नया निर्माण होता है, तो उसके लिए जिम्मेदारों को वैकाल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन इस शहर में ऐसी अवधारणा नहीं है. बताया कि स्मार्ट टीम का हिस्सा हूं. प्रस्ताव दिया था कि शहर में मरीन ड्राइव की तरह निर्माण हो. डाॅक्टर निशिंद्र किंजल्क कचरा डिसपोजल का हो प्रबंधस्मार्ट सिटी में शामिल होने की बात जोर-शोर से चल रही है, लेकिन शहर की सबसे बड़ी समस्या कचरा है. इसके डिसपाेजल के लिए नगर निगम के पास कोई प्लान आज तक नहीं बन सका. इसके अलावा आबादी बढ़ गई, तो अब हमें इसी आबादी के हिसाब से सड़कों का चौड़ीकरण, अंडरग्राउंड पार्किंग, नालियों पर फुटपाथ की व्यवस्था करनी होगी. उमेश्वर प्रसाद ठाकुर, पूर्व प्रशासक
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बेसिक समस्या सुलझे, तो स्मार्ट सिटी पर हो चर्चा
बेसिक समस्या सुलझे, तो स्मार्ट सिटी पर हो चर्चा – पूर्व जनप्रतिनिधियों ने बताएं स्मार्ट सिटी को टाप-20 में शामिल करना बड़ी चुनौती – शहर में मूलभूत सुविधाओं का बुरा है हाल संवाददाता, मुजफ्फरपुरमुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी की फेहरिस्त में शामिल हो चुका है, लेकिन अब इसे टाॅप-20 में शामिल करवाने के लिए नगर निगम ने […]
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