असर नहीं, पर शिकार बना रहा ठंडगुलाबी ठंड में वायरल फीवर, डायरिया व निमोनिया बन रहा कॉमनडॉक्टर दे रहे ठंड से बचने की सलाह, शिशुओं व बुजुर्गों का रखें खास ख्यालवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर सुबह में हल्की गुलाबी धूप, लेकिन ठंड का अहसास. शाम ढलने के साथ ही सर्द हवाएं. यह अहसास भले ही अच्छा लगा, लेकिन लोगों को बीमार करने वाला है. ऐसे ठंड से लोग बचने का प्रयास नहीं करते, बल्कि उसका आनंद लेते हैं. यही कारण है कि इन दिनों सुबह व शाम में 10 से 12 के न्यूनतम तापमान में लोगों की सेहत खराब हो रही है. सबसे बड़ी बात है कि लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें ठंड कब लगी. गुलाबी ठंड शरीर में ठिठुरन का अहसास नहीं कराती, लेकिन अपना असर छोड़ जाती है. डॉक्टरों की मानें तो ऐसे मौसम में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. डायरिया व निमानिया के मरीज कॉमनगुलाबी ठंड से डायरिया व निमोनिया सबसे पहले असर दिखाती है. इसका कारण है कि ठंड में डायरिया का वायरस रोटावायरस व निमोनिया का आरसीवी प्रसार बढ़ जाता है. इस स्थिति में ठंड लगने पर लोग जल्दी इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अभी के मौसम में अपने शरीर की देखभाल करना ज्यादा जरूरी है. बीमार होने के मुख्य कारण – अधिक ठंडे भोज्य पदार्थों का सेवन- पैरों में बिना जूते पहन के घूमना- कुछ गरम खाने के तुरंत बाद ही कुछ ठंडा खा लेना- वायरल इंफेक्शन- सर्दी से ग्रसित अन्य व्यक्तियों के संपर्क में रहना- आसपास की किसी वस्तु से एलर्जी हो जाना- भोजन में लापरवाही- बहुत अधिक थकान प्रारंभिक लक्षण : – गले में घरघराहट- नाक बंद हो जाना- सिर दर्द होना- चिडचिड़ाहट होना- हल्का बुखार होना – आवाज में घरघराहट- छींकना- स्वाद व सुगंध की अनुभूति कम होना बचाव :- सामान्य रूप से सर्दी होने पर एंटीबायॉटिक्स का प्रयोग नहीं करना चाहिए.- जिन लोगों को सर्दी है, उनसे उचित दूरी बनाकर रखें. खास तौर पर तब जब वे खांसें या छींके- सही समय पर संतुलित भोजन करें- ठंडा व बासा भोजन न करें- भोजन व पेय पदार्थों में सोंठ व काली मिर्च का प्रयोग अवश्य करें- छींकते व खांसते समय मुंह व नाक को ढंक कर रखें- खाने वाले पदार्थों को ढंककर रखें- पर्याप्त मात्रा में यदि मन न हो तब भी पानी अवश्य पीयें- आराम अवश्य करें क्योंकि इससे ऊर्जा का संग्रहण होता है- भोजन में विटामिन सी युक्त पदार्थ जैसे नींबू का प्रयोग करें.- यदि सर्दी के लक्षण तीन दिन से ज्यादा रहे तो चिकित्सक से परामर्श करें- यदि छाती में दर्द हो, लगातार खांसी आये, कान में दर्द हो या बलगम भूरा या लाल रंग का आता हो तो डॉक्टर से परामर्श लें- अगर आपको एलर्जी या दमा है तो कुछ भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें. ::: वर्जन :::गुलाबी ठंड शिशुओं व बच्चों के लिए ज्यादा हानिकारक है. इनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण ठंड जल्दी असर करती है. अभी के समय में ठंड का अहसास नहीं होता, बल्कि ठंड लग जाता है. इन दिनों बच्चे वायरल फीवर, निमोनिया व डायरिया से अधिक पीड़ित हो रहे हैं. माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को ख्याल रखें. सुबह कमरे से बाहर निकालते समय पूरा ऊनी कपड़ा पहना कर निकालें. डायरिया का लक्षण दिखे तो आेअारएस व जिंक पिलायें. डायरिया से बचाव के लिए दो से पांच महीने के बच्चों को रोटावायरस का वैक्सीन पिलाये.डॉ राजीव कुमार, शिशु रोग विभागाध्यक्ष, केजरीवाल अस्पतालइन दिनों एलर्जी व अस्थमा वाले लोगों को विशेष सावधान होने की जरूरत है. सांस की बीमारी में यह ठंड काफी हानिकारक है. इससे बचने के लिए कई मरीजों की दवाएं भी बदलनी पड़ती हैं. लोगों को इस ठंड से बचना चाहिए. सुबह व शाम में पूरे कपड़े पहनना चाहिए. धूल, धुआं से बचना चाहिए. ठंडे खाद्य पदार्थों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.डॉ नवीन कुमार, फिजिशियन
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असर नहीं, पर शिकार बना रहा ठंड
असर नहीं, पर शिकार बना रहा ठंडगुलाबी ठंड में वायरल फीवर, डायरिया व निमोनिया बन रहा कॉमनडॉक्टर दे रहे ठंड से बचने की सलाह, शिशुओं व बुजुर्गों का रखें खास ख्यालवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर सुबह में हल्की गुलाबी धूप, लेकिन ठंड का अहसास. शाम ढलने के साथ ही सर्द हवाएं. यह अहसास भले ही अच्छा लगा, […]
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