मुजफ्फरपुर: संगठन की आय बढ़ाने के लिए नक्सली पेटी कांट्रेक्टर (पेटी कांट्रेक्टर वह होते हैं, जिन्हें ठेकेदार अपने काम के लिए रखता है) का काम करने लगे हैं. इसका खुलासा खुफिया विभाग की रिपोर्ट में हुआ है, जिसमें कहा गया है, नक्सली अपनी आय बढ़ाने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. इसमें लेवी के साथ पेटी कांट्रेक्टर का काम भी शामिल है. इसके अलावा और कई तरह के काम नक्सलियों की ओर से किये जा रहे हैं. रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा है, जिसमें इस तरह के मामलों पर कार्रवाई करने को कहा गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है, नक्सलियों की आय का प्रमुख स्रोत लेवी है, लेकिन ज्यादा कमाई के चक्कर में नक्सली अब बड़े ठेकेदारों को धमकाते हैं और अपने लोगों को पेटी कांट्रेक्टर का काम देने का दबाव बनाते हैं.
कांट्रेक्टर के रूप में ज्यादा आमदनी होती है. इससे नक्सली आधुनिक हथियार, विस्फोटक, कारतूस आदि खरीद रहे हैं. यही नहीं रुपयों का लालच देकर ग्रामीण क्षेत्र के युवकों को संगठन में शामिल कर रहे हैं. नक्सली अब भी ग्रामीण इलाकों में उन्हीं युवकों को बरगला रहे हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी किये गये पत्र में कहा गया है, पुलिस अधीक्षक ऐसे ठेकेदारों की सूची बनायें, जिनके यहां नक्सली पेटी कांट्रेक्टर का काम कर रहे हैं. इसके बाद ऐसे पेटी कांट्रेक्टरों के खिलाफ कार्रवाई तय करें. इसके लिए जरूरत हो तो एसएसबी, सैप व एटीएफ की मदद लें, ताकि नक्सलियों की गतिविधियों को रोका जा सके.
पुलिस मुख्यालय से इस बात के लिए भी अलर्ट किया गया है, नक्सली अपने रिश्तेदारों को निर्माण कंपनियों में नौकरी दिला रहे हैं. इसका मुख्य मकसद कंपनी के बेस कैंप के बारे में जानकारी इकट्ठा करना होता है. इससे आसानी से जानकारी मिल जाती है, ताकि मौका पड़ने पर ऐसी कंपनियों के बेस कार्यालय पर हमला कर उनमें लूट की जा सके. नक्सलियों के नये रूप से पुलिस अधिकारी भी परेशान हैं. इनका कहना है, हम लोग हर संभावित गतिविधि पर नजर रख रहे हैं.