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एक साल में नहीं बना स्नातक का सिलेबस
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि अगले सत्र से स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम लागू होना है. इसके लिए सिलेबस तैयार करने की कवायद बीते एक साल से जारी है. लेकिन अभी तक यह तैयार नहीं हो सका है. यूजीसी का सख्त निर्देश है कि अगले सत्र से हर हाल में स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम लागू करना […]
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि अगले सत्र से स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम लागू होना है. इसके लिए सिलेबस तैयार करने की कवायद बीते एक साल से जारी है. लेकिन अभी तक यह तैयार नहीं हो सका है.
यूजीसी का सख्त निर्देश है कि अगले सत्र से हर हाल में स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम लागू करना है. ऐसे में विवि की लेट-लतीफी से सत्र में देरी होने की आशंका बढ़ गयी है.
विवि में स्नातक का नया सिलेबस तैयार करने की जिम्मेदारी पीजी विभागाध्यक्षों को दी गयी थी. शुरुआत में रसायन सहित दो अन्य विभागों ने सिलेबस तैयार भी किया, लेकिन यह मानकों के अनुसार नहीं था. इसके बाद इस साल फरवरी माह में दिल्ली यूनिवर्सिटी व बनारस हिंदू विवि से सेमेस्टर सिस्टम आधारित स्नातक का सिलेबस मंगाया गया. उसकी प्रति सभी विभागाध्यक्षों को उपलब्ध करा दी गयी.
विभागाध्यक्षों को उसी के आधार पर नया सिलेबस तैयार करना था. सिलेबस तैयार करने के बाद उसे तीन सदस्यीय विभागीय कमेटी से पास करा कर कुलसचिव कार्यालय में सौंपना था. लेकिन अभी तक किसी विभाग ने सिलेबस की कॉपी कुलसचिव कार्यालय को नहीं सौंपी है.
नहीं बनी है सिलेबस कमेटी.नियमों के तहत विवि में एक सिलेबस कमेटी होना अनिवार्य है. बिना इसकी मंजूरी के कोई भी सिलेबस मान्य नहीं होता है. लेकिन बीआरए बिहार विवि में वर्षों से सिलेबस कमेटी का गठन नहीं हुआ है. हाल-फिलहाल में जितने भी कोर्स शुरू हुए हैं, या फिर जिनका रेगुलेशन पास हुआ है, उसका सिलेबस विषय के विशेषज्ञ से तैयार करा कर एकेडमिक कौंसिल, सिंडिकेट व सीनेट से पास करा कर राजभवन को भेज दिया गया है.
एक्ट के अनुसार सिलेबस कमेटी में न्यूनतम सात सदस्य होने अनिवार्य हैं. इसमें संबंधित विषय के विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष, सूबे से बाहर के विषय के एक विशेषज्ञ व चार विभिन्न विषयों के विभागाध्यक्ष शामिल होते हैं. सिलेबस कमेटी से पास कराने के बाद सिलेबस को एकेडमिक कौंसिल व राजभवन की भी मंजूरी लेनी होगी. तभी इसे लागू किया जा सकता है.
पीजी का सिलेबस नहीं हुआ तैयार
राजभवन ने पिछले साल पीजी में सेमेस्टर सिस्टम काे मंजूरी दी थी. यह मंजूरी सत्र 2014-16 से दी गयी है. इसके तहत सेमेस्टर के प्रत्येक पेपर में 70 अंकों की थ्योरी व तीस अंकों की प्रायोगिक परीक्षा होनी है. फिलहाल विवि में जो सेमेस्टर सिस्टम लागू है, उसके अनुसार 80 अंकों की थ्योरी व 20 अंकों की प्रायोगिक परीक्षा होती है.
विवि प्रशासन ने सभी विभागाध्यक्षाें को राजभवन के रेगुलेशन के आधार पर सिलेबस तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. लेकिन अभी तक इसे तैयार नहीं किया गया है. ऐसा तब है जब विवि में पीजी के सत्र 2015-17 में नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. ऐसे में नया सिलेबस नहीं बनने से भविष्य में मामला फंस सकता है.
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