मुजफ्फरपुर: पॉपलर पेड़ से किसान अब तरक्की की कहानी गढ़ रहे हैं. विभाग किसानों को इस पेड़ को लगाने के लिए आर्थिक रूप से मदद कर रहा है. इसके अलावा उसके देखरेख की सारी व्यवस्था भी खुद विभाग ही कर रहा है, जिससे की किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके.
कृषि वानिकी पॉपलर योजना के तहत इस साल 150 किसानों ने लगभग आठ लाख पौधों को सींच कर उन्हें बेचने के लिए तैयार कर दिया है. इसके तहत किसानों को प्रति पेड़ पंद्रह रुपये विभाग देगा और फिर उसी पेड़ को किसानों को बांट दिया जाएगा. किसानों को बांटने के बाद पौधों की देख-रेख के लिए प्रति पेड़ तीन साल तक रुपये भी दिए जाएगें. बचे हुए पौधे अब किसानों के लिए वरदान हो गए है. इन पौधों से अब किसान अच्छी खासी रकम एक मुश्त पायेंगे.
विभाग ही खरीदता है पौधों को
सबसे बड़ी बात यह है कि एक साल तक पौधे को तैयार करने के बाद उन्हें बेचने के लिए किसानों को कही भटकने की जरूरत नहीं होती है. विभाग खुद नि:शुल्क पौधे देकर उनकी नर्सरी तैयार करवाता है. इसके एक साल बाद जब पौधे बड़े हो जाते है तो इन पौधों को किसानों से प्रति पेड़ 15 रुपये खरीदकर उन्हें अच्छी खासी रकम दे देता है. किसानों को बस पौधों की एक साल तक देखभाल करने की जरूरत है. इससे एक अच्छी खासी रकम किसानों को एक मुश्त तैयार हो जाती है.
नि:शुल्क बांटने के साथ विभाग देता है देखभाल के लिए पैसे
किसानों से पेड़ खरीदने के बाद विभाग इन पेड़ों को फिर से किसानों को देते हैं. इसके लिए विभाग अच्छी खासी रकम भी खर्च करता है. किसानों को पेड़ देने के बाद पहले साल प्रति पेड़ रख-रखाव के लिए 15 रुपये, दूसरे साल प्रति पेड़ 10 रुपये और तीसरे साल भी 10 रुपये प्रति पेड़ का खर्च विभाग खुद ही करता है. तीन सालाें तक पेड़ों की स्थिति ऐसी हो जाती है कि ये बड़ी आसानी से बड़े हो जाते है. सात साल के भीतर पूरी तरह से पेड़ कटने के लिए तैयार हो जाते है. इन पेड़ों के तैयार होने के बाद विभाग पेड़ों को खरीदकर बड़ी-बड़ी कंपिनयों में देता है. पॉपलर पेड़ से माचिश की तीली, पेपर बनाने सहित अन्य उपयोगी सामान बनाने में किया जाता है. अब तक ये पौधे सबसे अधिक हरियाणा, सहारनपुर, पंजाब के किसान लगाते थे. लेकिन अब बिहार के किसानों ने भी इसमें रुचि लेनी शुरू कर दी है.
विभाग की तरफ से पॉपलर पेड़ योजना की शुुरुआत की गयी है. योजना के तहत अब तक 150 किसानों ने करीब आठ लाख से अधिक पेड़ों की नर्सरी तैयार कर दी है. इन पौधों को विभाग खरीद कर फिर से किसानों को नि:शुल्क देगा. साथ ही इसकी देख-रेख के लिए बकायदा प्रति पेड़ रुपये भी दिये जायेंगे. इसके लिए समय-समय पर पौधों की देखभाल कैसे की जाती है, उसकी जानकारी भी किसानों को दी जाती है.
मिहिर कुमार झा, डीएफओ