अरेराज. जनता पहले वोट के साथ सम्मान देती थी़ दरवाजे पर वोट मांगने जाने पर आदर के साथ बैठा कर चुनाव में खर्च करने के लिए चंदा भी देती थी, ताकि नेताजी चुनाव जीत कर गांव में सड़क, बिजली व स्कूल बनवा क्षेत्र का विकास कर सके. लेकिन वर्तमान स्थिति पहले से विपरित है़ जनता यह जान चुकी है कि नेताजी चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र का नहीं बल्कि अपना विकास करेंगे, इसलिए जनता वोट के बदले नोट मांगने लगी है़ ये बातें गोविंगंज के पूर्व विधायक सह मंत्री योगेंद्र पांडेय कही़ कहा कि पहले के चुनाव में विकास के नाम पर वोट मांगा जाता था़ अब जातिवाद चुनावी मुद्दा बन कर रह गया है़ पहले घर-घर जाकर वोट मांगते थे़ जनता व नेता के बीच सीधा संवाद होता था, लेकिन जनता की पूछ कम हो गयी है़ वोट के ठेकेदारों को तरजीह मिलने लगा है़ मैंने देखा है, पहले कार्यकर्ता नि:स्वार्थ भाव से समर्पित होेकर चुनाव में मदद करते थे, लेकिन आज कार्यकर्ता भी नेताजी के साथ अपना स्वार्थ साधने के लिए सटे रहते हैं़ 20 वर्ष पहले की तुलना में वर्तमान राजनीति काफी मैली हो गयी है़ लोगों को अपने नेता पर विश्वास नहीं रह गया़ उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ होते हैं़ मुझे जनता व कार्यकर्ताओं ने खाना खिला कर व चंदा देकर चुनाव भी लड़या, जीताया भी़ योगेंद्र पांडेय का संक्षिप्त परिचय—1985 से 1990 तक निर्दलीय विधायक रहे़—1990 में राजद से चुनाव जीत कर लघु सिंचाई मंत्री बने—अरेराज को अनुमंडल का दर्जा दिलाने में महती भूमिका रही
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एक समय था, जब जनता नोट के साथ वोट भी दिया करती थी
अरेराज. जनता पहले वोट के साथ सम्मान देती थी़ दरवाजे पर वोट मांगने जाने पर आदर के साथ बैठा कर चुनाव में खर्च करने के लिए चंदा भी देती थी, ताकि नेताजी चुनाव जीत कर गांव में सड़क, बिजली व स्कूल बनवा क्षेत्र का विकास कर सके. लेकिन वर्तमान स्थिति पहले से विपरित है़ जनता […]
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