मुजफ्फरपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुनाथ झा ने कहा, दुखद आश्चर्य है. सीतामढ़ी कलेक्ट्रेट गोलीकांड में गोली चलाने वाले व गोली मारने का आदेश देने वाले अफसर पर प्राथमिकी नहीं हुई. निदरेष आंदोलनकारियों को जेल भेज दिया गया. ऐसे में इंसाफ की उम्मीद नहीं की जा सकती. अब हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जायेंगे. डॉ झा मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में बंद आंदोलनकारियों व एसकेएससीएच में इलाज करा रहे पूर्व सांसद अनवारू ल हक से मिलने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे.
डॉ झा ने कहा, घटना विचित्र किस्म की है. इसमें बाढ़ राहत के लिए प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस ने गोली चलायी. तत्कालीन डीएम परेश सक्सेना ने गोली चलवायी. इसमें पूर्व विधायक रामचरित्र राय, पूर्व मुखिया डॉ अयूब खान, महंत मंडल, मुनीफ नदाफ व रामपरी देवी मारे गये थे. जबकि आंदोलनकारियों ने कलेक्ट्रेट का कुछ नहीं बिगाड़ा था. इस घटना में कोई प्राथमिकी नहीं हुई. जबकि किसी घटना के बाद आम तौर पर प्राथमिकी जरू रत होती है.
तत्कालीन सीएम राबड़ी देवी के आदेश पर गृह सचिव आरके सिंह व डीजीपी जैकब ने मामले की संयुक्त जांच की थी. इसमें प्रशासन को दोषी करार दिया गया था. इस फाइल को तत्कालीन डीएम ने ही गायब करा दिया. इसी घटना के विरोध में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव अनशन पर बैठे थे. तत्कालीन रेलमंत्री नीतीश कुमार ने अनशन तोड़वाया था. उन्होंने कहा, इस मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे. पूरे मामले में लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जायेंगे.