मुजफ्फरपुर: चर्चित नवरुणा अपहरण कांड की गुत्थी लगभग एक साल पूरा होने के बाद भी नगर पुलिस व सीआइडी नहीं सुलझा पायी. अब इस मामले की जांच सीबीआइ के हवाले करने की तैयारी चल रही है. 18 सितंबर 2012 की रात जवाहर लाल रोड स्थित चक्रवती लेन से नवरुणा को अगवा किया गया था. नगर पुलिस शुरू में प्रेम-प्रसंग से मामला जुड़ा बता कर अनुसंधान शुरू की थी. दारोगा अमित कुमार को आइओ बनाया गया था. नवरुणा की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने स्कूल के प्राचार्य से लेकर दोस्तों से भी पूछताछ की थी. लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया.
मामला गंभीर होता देख तत्कालीन एसएसपी राजेश कुमार ने नगर थानाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद को 22 अक्तुबर को केस का प्रभार लेने का आदेश दिया था. 26 नवंबर को नवरुणा के घर के पास नाले से मिले कंकाल के बाद पूरा मामले में यू-टर्न आ गया था. एफएसएल की जांच में लड़की का कंकाल बताया गया, जिसकी उम्र 13 से 15 वर्ष के बीच आंकी गयी थी. मामला उलझता देख 3 दिसंबर को तत्कालीन आइजी गुप्तेश्वर पांडेय ने पूरे मामले की जांच सीआइडी से कराने के लिए पुलिस मुख्यालय से अनुशंसा की थी. 16 जनवरी 2013 को सीआइडी जांच पर मुहर लगने के बाद डीएसपी सह अनुसंधान अशफाक अंसारी ने जांच की कमान संभाली थी.