रविवार के कारण सदर अस्पताल का ओपीडी बंद होने से मरीजों के लिए इलाज की कहीं व्यवस्था नहीं थी. कई लोग क्लीनिकों का चक्कर लगाने के बाद अस्पताल गये, लेकिन उन्हें कहा गया कि अभी यहां सिर्फ सीरियस मरीजों के इलाज की व्यवस्था है. अन्य मरीजों का इलाज कल किया जायेगा. ऐसी स्थिति में गांव से आये मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. लोगों को आने-जाने में रुपये भी खर्च हुए, उनका इलाज भी नहीं हुआ. साहेबगंज से आये चंद्रशील प्रसाद ने कहा कि पांच दिनों से बुखार लगा है. आज सोचे थे कि शहर जाकर डॉक्टर को दिखायेंगे. लेकिन बिना दिखाये वापस होना पड़ रहा है.
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हड़ताल के दूसरे दिन मरीज रहे बेहाल
मुजफ्फरपुर: डॉक्टरों की हड़ताल के दूसरे दिन रविवार की रात 12 बजे हड़ताल समाप्त हुई. रात के 12 बजते ही केजरीवाल, प्रशांत सहित अन्य नर्सिग होम के गेट खोल दिया गया. केजरीवाल अस्पताल में सबसे पहला मरीज रूनीसैदपुर के संजीत बैठा पहुंचे. वे डेढ़ वर्षीय बेटे अमर को इलाज के लिए लाये थे. डय़ूटी पर […]
मुजफ्फरपुर: डॉक्टरों की हड़ताल के दूसरे दिन रविवार की रात 12 बजे हड़ताल समाप्त हुई. रात के 12 बजते ही केजरीवाल, प्रशांत सहित अन्य नर्सिग होम के गेट खोल दिया गया. केजरीवाल अस्पताल में सबसे पहला मरीज रूनीसैदपुर के संजीत बैठा पहुंचे. वे डेढ़ वर्षीय बेटे अमर को इलाज के लिए लाये थे. डय़ूटी पर मौजूद शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज कुमार ने बच्चों का इलाज किया. हालांकि दिन भर यह हड़ताल मरीजों के लिए आफत बनी रही.
एक डॉक्टर के सहारे रही शहर की आबादी
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ के जमा मौजूद थे. क्लीनिकों व नर्सिग होम बंद होने के कारण यहां सुबह से ही मरीजों की भीड़ लगी थी. अस्पताल का ओपीडी बंद होने के कारण शहर की पूरी आबादी इमरजेंसी में मौजूद एक डॉक्टर के सहारे थी.
हालांकि अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए सिविल सजर्न डॉ ज्ञान भूषण भी दोपहर में पहुंचे. डॉ जमा के साथ उन्होंने भी कई मरीजों का इलाज किया.
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