मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में परीक्षा विभाग की लापरवाही आमबात है. पर अब उसकी इस गलती के बदले खुद परीक्षार्थियों को जुर्माना भरना पड़ रहा है. मामला सत्र 2008-11 के स्नातक परीक्षा की है.
मनियारी थाना की महम्मदपुर निवासी गंगा सिंह की पुत्री ललिता कुमारी एलएनटी कॉलेज में राजनीति विज्ञान की छात्र है. स्नातक पार्ट वन की परीक्षा पास होने के दो वर्ष बाद परीक्षा विभाग अब उसे अनुतीर्ण बता रहा है. गुरुवार को इस संबंध में उसने कुलपति डॉ रवि वर्मा के समक्ष गुहार लगायी तो उनके निर्देश पर विभाग ने उसे दुबारा स्नातक पार्ट वन का परीक्षा फॉर्म भरने का निर्देश दिया. इसके लिए उसे विलंब शुल्क के रूप में 2500 रुपये जमा कराने होंगे. ललिता वर्ष 2009 में स्नातक पार्ट वन व वर्ष 2010 में स्नातक पार्ट टू की परीक्षा पास की. इसका अंक पत्र भी उसे निर्गत कर दिया गया.
वर्ष 2011 में उसने स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा दी, जिसमें उसका रिजल्ट पेंडिंग बताया गया. उसने अपने रिजल्ट में सुधार के लिए परीक्षा विभाग में आवेदन दिया तो विभाग ने टीआर की जांच की. इसमें स्नातक पार्ट थर्ड में तो उसे सफल पाया गया. पर स्नातक पार्ट वन की परीक्षा में गृह विज्ञान (सब्सिडयरी) की प्रायोगिक परीक्षा में उसे अनुपस्थित पाया गया. इस आधार पर विभाग ने उसे अंक पत्र निर्गत करने से इनकार कर दिया. ललिता कहती है, यदि वह स्नातक पार्ट वन की परीक्षा में अनुत्तीर्ण थी तो उसे पास होने का अंक पत्र कैसे निर्गत किया गया? फिर स्नातक पार्ट टू का परीक्षा फॉर्म भरते समय इस गलती को विभाग ने क्यों नहीं पकड़ा? गुरुवार को प्रतिकुलपति कार्यालय में इस संबंध में शिकायत करने पहुंची ललिता ने तो विभाग के खिलाफ हाइकोर्ट में जाने की बात भी कही.