| मामला स्नातक पार्ट वनके जनरल कोर्स का
| पेंडिंग रिजल्ट में सुधार के दौरान हुआ खुलासा
| एमजेके कॉलेज बेतिया केंद्र की कॉपियां हुई हैं गायब
| परीक्षा विभाग ने औसत मार्किंग के लिए वीसी को भेजा प्रस्ताव
मुजफ्फरपुर: परीक्षा विभाग की लापरवाही के कारण मेधा के साथ खिलवाड़ के रोज नये खुलासे हो रहे हैं. नया मामला पिछले वर्ष हुई स्नातक पार्ट वन के जेनरल कोर्स से जुड़ा है. एमजेके कॉलेज बेतिया केंद्र पर हुई परीक्षा की सैकड़ों कॉपियां गायब हैं. मामला सामने आने पर एक बार फिर इसकी लीपापोती की तैयारी शुरू हो गयी.
परीक्षा विभाग ने जिन छात्रों की कॉपियां गायब हुई है, उन्हें औसत अंक देने का फैसला लिया है. इसका प्रस्ताव कुलपति डॉ रवि वर्मा के पास भेज दिया गया है. मामले को अब परीक्षा बोर्ड की बैठक में ले जाया जायेगा. इससे पूर्व स्नातक पार्ट वन के कॉपियों की पहचान नहीं होने के कारण भी सैकड़ों छात्रों को औसत मार्क दिये जाने का निर्णय लिया जा चुका है.
पिछले वर्ष आयोजित स्नातक पार्ट वन की परीक्षा में बेतिया के सभी कॉलेजों के जेनरल कोर्स की समाजशास्त्र की परीक्षा एमजेके कॉलेज बेतिया में हुई थी. परीक्षा खत्म होने के बाद सब्सिडयरी के साथ-साथ जेनरल कोर्स की कॉपियों की जांच भी बीआरए बिहार विवि में ही करायी गयी थी. बाद में इस वर्ष जनवरी माह में स्नातक पार्ट वन का रिजल्ट जारी किया गया. इसमें जेनरल कोर्स में सैकड़ों छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग बताया गया.
इसमें सुधार के लिए जब छात्रों ने आवेदन देने शुरू किया तो टीआर की जांच की गयी. इसमें समाजशास्त्र में सैकड़ों छात्र का अंक नहीं था. इसके बाद परीक्षा विभाग ने कॉपियों की खोज शुरू की, तो पता चला कि एमजेके कॉलेज बेतिया केंद्र की परीक्षा की कॉपियां गायब हैं.
वीसी ने परीक्षा नियंत्रक के फैसले को बदला
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को स्नातक पार्ट वन के परीक्षा फॉर्म जमा करने के लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा. कुलपति डॉ रवि वर्मा ने परीक्षा नियंत्रक के इस फैसले को बदल दिया है. यही नहीं उन्होंने अगले वर्ष से संस्थानों के परीक्षा फॉर्म जमा करने की प्रक्रिया में भी बदलाव का फैसला लिया है. इसके तहत अब परीक्षा विभाग छात्र-छात्राओं के परीक्षा फॉर्म भरने की आखिरी तिथि के साथ-साथ संस्थानों की आरे से परीक्षा फॉर्म जमा करने की आखिरी तिथि भी घोषित करेगी.
रविवार को निदेशालय की अपील पर सुनवाई के लिए कुलपति डॉ रवि वर्मा ने परीक्षा नियंत्रक व निदेशालय के अधिकारियों के साथ वार्ता की. इस दौरान परीक्षा नियंत्रक ने परीक्षा शुरू होने में कम समय बचने की बात कहते हुए अपने निर्णय को सही बताया. निदेशालय की ओर से निदेशक डॉ गणेश कुमार ने गलती स्वीकारते हुए इस पर उचित फैसला लेने की मांग की. दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कुलपति ने परीक्षा विभाग की ओर से निदेशालय पर लगाये गये दो लाख के जुर्माने को वापस लेने का
फैसला लिया.