– याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ओझा की जनहित याचिका पर दो सदस्यीय खंडपीठ ने दिया फैसला- स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को दिया 2010 से 2013 तक दवाओं की खरीद की जांच का आदेशवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर. पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को सूबे में वर्ष 2010 से 2013 तक की गयी दवाओं की खरीद की जांच का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व न्यायाधीश विकास जैन की दो सदस्यीय खंडपीठ ने सोमवार को अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा की ओर से दायर जन हित याचिका पर सुनाई करते हुए यह फैसला दिया, जिसमें सूबे में ओटी लाइट व दवा की खरीद मामले की जांच कराने का आदेश स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को दिया गया है. खंडपीठ ने याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ओझा को जांच से अवगत कराने का भी निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ओझा की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने उच्च न्यायालय को बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से दर निर्धारित करने के बावजूद सेफ्टी कंडूला को बाजार दर से 20 गुना, 46 रुपये वाली मेथ्रो स्टोन दवा 116 रुपये व 17 हजार की ओटी लाइट की 29 हजार में खरीदारी की गयी, जिसमें करोड़ों का घोटाला हुआ. याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ओझा ने न्यायालय को यह भी बताया कि परचेज कमेटी की ओर से मोतिहारी सिविल सर्जन के खिलाफ इस दर से दवा खरीदारी पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है. इन्होंने स्वयं दर निर्धारित कर राज्य सरकार से करोड़ों का घोटला किया है.
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उच्च न्यायालय ने दवा घोटाले की जांच का दिया आदेश
– याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ओझा की जनहित याचिका पर दो सदस्यीय खंडपीठ ने दिया फैसला- स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को दिया 2010 से 2013 तक दवाओं की खरीद की जांच का आदेशवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर. पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को सूबे में वर्ष 2010 से 2013 तक की गयी दवाओं की खरीद की जांच […]
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