घटना के बाद विद्यानंद सिंह ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उधर, नवल किशोर पांडेय ने भी उसी दिन नगर थाना में एक अन्य प्राथमिकी दर्ज करायी, जिसमें विद्यानंद सिंह पर एक लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था. इस मामले में अमर पांडेय व कांग्रेस की पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष विनीता विजय का नाम भी उछला था. बाद में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति ने कांग्रेस की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए विनीता विजय सहित पांच अन्य लोगों को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. निष्कासित किये गये लोगों में अनिल कुमार सिंह का भी नाम शामिल है.
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कांग्रेस के पूर्व जिला महासचिव सहित चार को मिली जमानत
मुजफ्फरपुर: कांग्रेस कार्यालय की जमीन को लेकर जारी विवाद के बीच बुधवार को पूर्व जिला महासचिव अनिल कुमार सिंह, बालेंद्र सिंह, नवल किशोर पांडेय व लालबाबू शाही को बड़ी राहत मिली. जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में जिला जज की अदालत ने जमानत दे दी है. इनके खिलाफ कांग्रेस के जिला सदस्यता प्रभारी […]
मुजफ्फरपुर: कांग्रेस कार्यालय की जमीन को लेकर जारी विवाद के बीच बुधवार को पूर्व जिला महासचिव अनिल कुमार सिंह, बालेंद्र सिंह, नवल किशोर पांडेय व लालबाबू शाही को बड़ी राहत मिली. जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में जिला जज की अदालत ने जमानत दे दी है. इनके खिलाफ कांग्रेस के जिला सदस्यता प्रभारी विद्यानंद सिंह ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
गौरतलब है कि गत 28 जनवरी को जिला कांग्रेस कार्यालय के दक्षिण छोर पर स्थित भवन को लेकर विवाद हो गया था. फॉर्मर डेवलपर सोसाइटी के सचिव नवल किशोर पांडेय तीन अन्य आरोपितों व अन्य सहयोगियों के साथ उक्त भवन के जीर्णोद्धार का कार्य करवा रहे थे. विद्यानंद सिंह व अन्य कांग्रेसी नेताओं ने इसका विरोध किया. श्री सिंह के अनुसार, इस दौरान श्री पांडेय व अन्य लोगों ने हथियार लहराये व धमकी भी दी. सूचना पाकर एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे. उनके पहुंचने से पूर्व ही सभी आरोपित वहां से भाग निकले.
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