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कम मिली राशि, पूरा नहीं होगा छिड़काव

जिले में कालाजार उन्मूलन अभियान पर संकटमलेरिया विभाग ने एक करोड़, 27 लाख, 35 हजार का भेजा था बजटराज्य स्वास्थ्य समिति ने दिया 88 लाख, बची हुई राशि 38 लाख का करें उपयोगवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : जिले में कालाजार उन्मूलन के लिए डीडीटी छिड़काव माइक्रोप्लान के तहत नहीं होगा. साठ दिनों का छिड़काव कार्य 45 […]

जिले में कालाजार उन्मूलन अभियान पर संकटमलेरिया विभाग ने एक करोड़, 27 लाख, 35 हजार का भेजा था बजटराज्य स्वास्थ्य समिति ने दिया 88 लाख, बची हुई राशि 38 लाख का करें उपयोगवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : जिले में कालाजार उन्मूलन के लिए डीडीटी छिड़काव माइक्रोप्लान के तहत नहीं होगा. साठ दिनों का छिड़काव कार्य 45 दिनों में ही पूरा कर लिया जायेगा. ऐसा राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से राशि कम मिलने के कारण हुआ है. मलेरिया विभाग की ओर से पिछले वित्तीय वर्ष की बची राशि 38 लाख 38 हजार 839 रुपये के खर्च का ब्योरा नहीं देने के कारण हुआ है. जिला मलेरिया विभाग ने छिड़काव के लिए एक करोड़ 27 लाख 35 हजार 222 रुपये का बजट भेजा था. राज्य स्वास्थ्य समिति ने हिसाब नहीं दी गयी राशि को काट कर मलेरिया विभाग को 88 लाख उपलब्ध कराया है. लिपिक के कारण योजना पर संकटजिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ भागीरथ प्रसाद कहते हैं कि लिपिक रामकुमार के हिसाब नहीं देने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. विभाग का कागजात सहित खर्च का हिसाब लेकर पिछले आठ महीनों से फरार था. किसी पीएचसी को कितनी राशि भेजी गयी थी. उपकरणों का क्रय कितने में किया गया. बची हुई राशि उसने कहां रखी, इसका हिसाब उसी के पास है. लेकिन वह पिछले साढ़े आठ महीनों से जरूरी कागजात को लेकर फरार था. डॉ प्रसाद ने कहा कि रामकुमार योगदान देने के लिए आया था. लेकिन जब उससे हिसाब मांगा गया तो वह टाल गया. उसने कहा कि कैश बुक पूरा नहीं हुआ है. जबकि वह 2013 से यहां कस्टोरियन था.

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