उसके बाद भी पुलिस ने उसे पकड़ा नहीं. प्रारंभिक पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया. उसके गांव के ही अक्षय की तलाश में एक बार भी छापेमारी नहीं की गयी है. वह दो बार मुजफ्फरपुर से लौट चुके है. उनके भतीजे का एटीएम पुलिस नहीं दे रही है.
उसे जब्ती सूची में दर्शाया भी नहीं गया है. मौके से मिले मोबाइल को भी पुलिस नहीं दे रही है. उसके पास से अंगूठी, बाइक के कागजात सहित अन्य सामान है, जिसे पुलिस नहीं दे रही है. उनका भतीजा पुलिस के लिए ही काम करता था. उसके बाद भी अधिकारी सुन नहीं रहे है. अक्षय की गिरफ्तारी से पूरे मामले का खुलासा हो सकता था. लेकिन एक बार भी गांव में छापेमारी नहीं की गयी. यहां बता दें कि कालीबाड़ी रोड में रामप्रवेश सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. इस घटना में चालक दीनानाथ भगत की भी मौत एसकेएमसीएच में हो गयी थी.