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शहर में छह जगहों पर सीबीआइ ने की छापेमारी

मुजफ्फरपुर: डाक विभाग में वर्ष 2008 से 2012 के बीच गलत प्रमाण पत्र पर ग्रामीण डाक सेवकों की बहाली का मामला उजागर होने के बाद शुक्रवार को सीबीआइ की टीम ने मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर व दरभंगा में 16 जगहों पर एक साथ छापेमारी की. मुजफ्फरपुर में भी छह ठिकानों पर सीबीआइ ने छापा मारा, लेकिन […]

मुजफ्फरपुर: डाक विभाग में वर्ष 2008 से 2012 के बीच गलत प्रमाण पत्र पर ग्रामीण डाक सेवकों की बहाली का मामला उजागर होने के बाद शुक्रवार को सीबीआइ की टीम ने मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर व दरभंगा में 16 जगहों पर एक साथ छापेमारी की. मुजफ्फरपुर में भी छह ठिकानों पर सीबीआइ ने छापा मारा, लेकिन कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लग पाया है. सुबह 6 बजे सकरा थाना क्षेत्र के सीहो हरपुर गांव में भी सीबीआइ की टीम पहुंची थी, लेकिन आरोपित के घर पर नहीं रहने व तलाशी के दौरान कुछ भी बरामद नहीं होने पर सीबीआइ वापस लौट गयी.

सीबीआइ की टीम गुरुवार की देर रात सीतामढी पहुंच गयी थी. शुक्रवार की सुबह 5 बजे से ही डुमरा प्रधान डाक घर को सील कर दिया गया था. ग्रामीण डाक सेवक से नियुक्ति संबंधी सभी फाइल को जब्त कर लिया गया है. सीबीआइ की छापेमारी की सूचना मिलने पर प्रधान डाकघर के दो कर्मचारी फरार हो गये थे. जाली प्रमाण पत्र पर नियुक्ति में उनकी संलिप्तता सामने आयी है.

वही दरभंगा में सहायक डाक अधीक्षक के रूप में तैनात नीरज कुमार के जीरोमाइल स्थित आवास व संजय सिनेमा रोड स्थित सेवानिवृत्त डाक अधीक्षक राम विनय शर्मा व भगवानपुर स्थित वैशाली जिले में तैनात सहायक डाक अधीक्षक राजीव कुमार के घर भी छापेमारी की गयी. वही समस्तीपुर में तीन डाक निरीक्षक के घर पर सीबीआइ टीम ने छापेमारी की.

पीएनटी कॉलोनी में रहने वाले डाक निरीक्षक शशिकांत, ताजपुर रोड के आजाद चौक के निकट रहने वाले डाक निरीक्षक मुकेश लश्कर व सोनवर्षा चौक के निकट रहने वाले पूर्व डाक निरीक्षक हिजबुल रहमान के यहां भी छापामारी किये जाने की सूचना है. डाक निरीक्षक मुकेश लश्कर ने पूछताछ किये जाने की पुष्टि की है. दरभंगा में सीबीआइ की टीम ने सहायक डाक अधीक्षक नीरज कुमार के कार्यालय व उनके आवास पर छापेमारी की. हालांकि उनके अवकाश में रहने पर उनके कार्यालय से कागजात जब्त की गयी है. वे पूर्व में मुजफफरपुर में डाक निरीक्षक के रूप में कार्यरत थे. वहां से प्रोन्नति के बाद इनका तबादला कुछ माह पूर्व दरभंगा किया गया था. दरभंगा में उन पर मध्यमा के प्रमाण-पत्र पर करीब दो दर्जन से अधिक ग्रामीण डाक सेवकों की नियुक्ति करने का मामला सामने आया है.

यह था मामला
डाक विभाग ने 2008 से 2012 के बीच सीतामढ़ी में 17 से अधिक ग्रामीण डाक सेवक व समस्तीपुर में 13 से अधिक की नियुक्ति की थी. मैट्रिक में पाये गये अंकों के आधार पर इनकी नियुक्ति की गयी थी. लेकिन 30 उम्मीदवारों ने कथित रूप से संस्कृत शिक्षा बोर्ड के जारी किये गये नकली मध्यमा प्रमाण पत्र को जमा कर नौकरी ली थी.

जांच के क्रम में मध्यमा प्रमाण पत्र को जाली करार दिया गया था. प्रारंभिक सत्यापन के बाद सीबीआइ ने नियुक्ति प्रक्रि या में शामिल सरकारी कर्मचारियों व लाभार्थियों के खिलाफ दो मामले दर्ज किये थे. सीबीआइ ने संस्कृत शिक्षा बोर्ड बिहार, पटना से विभिन्न रिकॉर्ड व रजिस्टरों को भी जब्त कर लिया है. जांच के क्रम में यह भी मामला सामने आया कि नियुक्ति प्रक्रिया में प्रत्येक उम्मीदवार से दो से तीन लाख रुपये रिश्वत ली गयी थी.

इनके यहां हुई छापेमारी
1. नीरज कुमार, सहायक डाक अधीक्षक, दरभंगा
2. राम विनय शर्मा, सेवानिवृत्त डाक अधीक्षक
3. राजीव कुमार, सहायक डाक अधीक्षक, वैशाली
4. शशि कांत, डाक निरीक्षक, समस्तीपुर
5. मुकेश लश्कर, डाक निरीक्षक, समस्तीपुर
6. हिजबुल रहमान, पूर्व डाक अधीक्षक
7. वीके सिंह, पूर्व डाक अधीक्षक, सीतामढी
8. अमरेश कुमार, सहायक डाक अधीक्षक, दलसिंगसराय
9. संजय वर्मा, डाक अधीक्षक, रोसड़ा

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