मुजफ्फरपुर/गायघाट: गांव में मामूली झगड़े पर एक मां ने पड़ोसी को फंसाने के लिए अपने बेटे की अपहरण की साजिश रच दी. यहीं नहीं, वरीय अधिकारी से शिकायत के बाद एक पुलिस अधिकारी इस मामले में निलंबित भी हो गया, लेकिन तीन साल के बाद गुरुवार की रात अपहरण मामले की पोल खुल गयी. पुलिस अब झूठी कहानी रचने पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी में है.
जानकारी के अनुसार, 2010 में गायघाट थाना क्षेत्र के लोमा निवासी सुमित्र देवी ने कोर्ट में परिवाद पत्र दायर किया, जिसमें बताया गया कि गांव के ही नागेंद्र महतो, संतोष महतो व कटरा के कोपी निासी लक्ष्मण महतो ने उसके 10 साल के पुत्र रोशन उर्फ अशोक का अपहरण कर लिया है.
कोर्ट के आदेश पर स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन की गयी. वही कुछ दिन बाद सुमित्र ने बेटे की हत्या करने की शिकायत डीआइजी से की थी. वहीं अनुसंधानक पर अभियुक्तों से मिला होने का आरोप लगाया.
डीआइजी ने तत्काल अनुसंधानक बनारसी पासवान को निलंबित कर दिया था. प्राथमिकी के एक वर्ष बाद सीताराम महतो सपरिवार गांव को छोड़ कर मीनापुर थाना के राघोपुर में बस गया था.