मुजफ्फरपुर: दो महीने के गम के बाद गुरुवार को शिया समुदाय गम से मुक्त हुए. लोगों ने काले कपड़े छोड़ सामान्य कपड़े पहने. घरों में महिलाओं ने भी चूड़ियां पहनी व दो महीने के बाद महफिल का आयोजन कर जश्ने इदे जहरा मनाया गया.
मौके पर कमरा मुहल्ला, हसन चक बंगरा व ब्रह्नापुरा सहित कई इमामबाड़े में महफिल हुई. कमरा मुहल्ला में अली अब्बास ने इसका आयोजन किया. उधर हसन चक बंगरा के इमामबाड़ा में आयोजित महफिल को मौलाना शमशी रजा ने खिताब फरमाया.
निजामत निजामत वसीम अब्बास ने किया. इस मौके पर अब्बास यावर ने हदीसे इश्क बजा ला इलाहा इल्ललल्लहा म्याने तेगो सेमां लाइलाहे इल्ललल्लाह, जहां रसूल के नक्शे कदम वहीं पर अली, वहीं हुसैन जहां लाइलाहे इल्ललल्लाह सवाले बैयते दरबारे शाम और हुसैन कहां यजीद, कहां लाइलाहे इल्ललल्लाह अशआर पेश कर लोगों को मुग्ध कर दिया. इस मौके पर शहजादा हुसैन,असगर अली, हसन फराज, रौशन अली, शकील अहमद, मुजाहिद अब्बास, अब्बास यावर, शम्स मेहदी, आफताब हुसैन जाफरी, अली अहमद ने मनकव्वत के अशआर पढ़े. महफिल का आयोजन सैयद शकील अहमद की ओर से किया गया था.