मुजफ्फरपुर. राज्यसभा चुनाव में पार्टी लाइन से अलग वोटिंग के मामले में तीन विधायकों को बर्खास्त करने का फैसला तानाशाही फैसला है. विधानसभा के अध्यक्ष ने यह फैसला पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर सुनाया है. लोकतंत्र में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. हालांकि जनप्रतिनिधियों को भी पार्टी के अनुशासन का पालन करना चाहिए. वे जनता के प्रतिनिधि के साथ-साथ किसी खास विचारधारा के भी प्रतिनिधि होते हैं. अगर किसी प्रतिनिधि को लगता है कि पार्टी ही अपनी विचारधारा से भटक रही है तो पहले उसे पद का, फिर पार्टी का खुद त्याग कर देना चाहिए. इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
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फैसला तानाशाही, पर विचारधारा का सम्मान भी जरू री : डॉ अरविंद कुमार सिंह
मुजफ्फरपुर. राज्यसभा चुनाव में पार्टी लाइन से अलग वोटिंग के मामले में तीन विधायकों को बर्खास्त करने का फैसला तानाशाही फैसला है. विधानसभा के अध्यक्ष ने यह फैसला पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर सुनाया है. लोकतंत्र में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. हालांकि जनप्रतिनिधियों को भी पार्टी के अनुशासन का पालन करना […]
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