वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरलीची के बेहतर उत्पादन के लिए किसानों को छत्रक (फल तोड़ने के बाद उस डालियों को छोटा करना) प्रबंधन की जानकारी दी गई. राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ विशालनाथ ने केंद्र में पहुंचे किसानों को इसके तौर तरीकों की जानकारी दी. डॉ नाथ ने बताया कि फलने के बाद अगले वर्ष के लिए बहुत सी डालियां फलन के लायक नहीं रहती है. कुछ स्वस्थ्य कल्लों को छोड़कर बाकी सभी कल्लों को तेज धार वाली चाकू से काट देना है. बाकी कल्लों के विकास पर भी ध्यान देना है. छत्रक सघन नहीं होने देना है. इससे पौधों को पर्याप्त रोशनी मिलनी चाहिए. इस तरीके से लीची की फलन क्षमता बढ़ जाती है. सभी भाग को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं.
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किसानों को मिली लीची के छत्रक प्रबंधन की जानकारी
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरलीची के बेहतर उत्पादन के लिए किसानों को छत्रक (फल तोड़ने के बाद उस डालियों को छोटा करना) प्रबंधन की जानकारी दी गई. राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ विशालनाथ ने केंद्र में पहुंचे किसानों को इसके तौर तरीकों की जानकारी दी. डॉ नाथ ने बताया कि फलने के बाद अगले वर्ष […]
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