– पंचायती राज विभाग ने जारी किया दिश निर्देश – डीएम साल में एक बार जिला परिषद का करेंगे निरीक्षण उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर. जिला परिषद की जांच के लिए प्रमंडलीय आयुक्त सक्षम पदाधिकारी होंगे. जिला परिषद के विरुद्ध आयी शिकायत की जांच आयुक्त के आदेश के बिना नहीं हो सकता है. आयुक्त गंभीर मामलों की जांच संबंधित जिले के जिलाधिकारी से करायेंगे. पंचायती राज विभाग जिला परिषद के कार्य के निगरानी के लिए नये तरीके से गाइड लाइन जारी किया है. जिला परिषद में अगर किसी जन प्रतिनिधि या सरकारी पदाधिकारी पर वित्तीय अनियमितता का मामला बनता है तो आयुक्त प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई करने का आदेश देंगे. इसकी सूचना पंचायती राज विभाग को उपलब्ध करायेंगे. आयुक्त जिला परिषद के केवल वैसे मामले में जांच का आदेश दे सकेंगे, जिसमें उन्हें जिला परिषद के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का सदस्यों या मुख्य कार्यपालक अधिकारी के विरुद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कार्य नहीं करने, सरकार व सक्षम प्राधिकारी के निर्देशों की अवहेलना या वित्तीय गोलमाल की शिकायत प्राप्त हुई हो. जांच करने वाले अधिकारी को जांच के दौरान साक्ष्य के लिए गवाहों के उपस्थित करने व आवश्यक कागजातों के प्रस्तुत करने के लिए सिविल कोर्ट की शक्तियां प्राप्त होगी. शिकायत संबंधी कोई जांच शिकायत प्राप्ति के दो महीने के अंदर होगी. जिलाधिकारी जिला परिषद के कार्यालय का निरीक्षण वर्ष में एक बार करना सुनिश्चित करेंगे. निरीक्षण के एक महीने के अंदर प्रमंडलीय आयुक्त व पंचायती राज विभाग को देंगे.
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प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश पर होगी जिला परिषद की जांच
– पंचायती राज विभाग ने जारी किया दिश निर्देश – डीएम साल में एक बार जिला परिषद का करेंगे निरीक्षण उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर. जिला परिषद की जांच के लिए प्रमंडलीय आयुक्त सक्षम पदाधिकारी होंगे. जिला परिषद के विरुद्ध आयी शिकायत की जांच आयुक्त के आदेश के बिना नहीं हो सकता है. आयुक्त गंभीर मामलों की […]
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