मुजफ्फरपुर: दर्जनों लूट कांड के आरोपित अमरेश ठाकुर ने लूट के पैसे से ही अपने गांव नूनफरा में मकान बनवा रखा है. अप्रैल 2013 में उसने कुमोद राम व विश्वनाथ सहित पांच साथियों के साथ गायघाट थाना क्षेत्र के बेरूआ स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में डकैती कर छह लाख से अधिक रूपया लूट लिया था.
हालांकि एक हफ्ते के अंदर ही उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. उसके पास लूट के एक लाख से अधिक नगदी भी बरामद की गयी थी. उसने पुलिस को बताया था कि लूट के पैसे ही उसने मकान बना रखा है. पुलिस का कहना है कि उसकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जायेगी.
तीन नवंबर को जेल से था छूटा
अमरेश ठाकुर 17 माह जेल में रहने के बाद 3 नवंबर को जेल से छूटा था.जेल से छूटते ही उसने फिर से अपने गिरोह के सदस्यों को एकत्रित कर घटना को अंजाम देना शुरू कर दिया. एक माह के अंदर वह आधा दर्जन से अधिक लूट कांड को अंजाम दे चुका है. झपहां रेलवे लाइन के पास उसने बाइक सवार को लूट लिया था. वही अहियापुर के बड़ा जगन्नाथ स्थित शराब दुकान पर बमबारी कर उसने लूट की घटना को अंजाम दिया था.
कुमोद के साथ करता है अपराध
अमरेश व कुमोद राम ने मिल कर उत्तर बिहार के कई जिलों में दर्जनों लूट व हत्या की घटनाओं को अंजाम दिया है. दोनों ने कोरलहिया में पेट्रोल पंप, गाढ़ा लूट कांड, बेनीबाद में पेट्रोल पंप, नानपुर पेट्रोल पंप, मैठी गैस एजेंसी, जीरोमाइल में स्वर्ण व्यवसायी को गोली मार कर एक लाख का सोना लूटा था.
जिससे इलाज कराया, उसे लूटा
कुमोद राम के बारे में पुलिस का कहना है कि दो साल पूर्व वह बीमार पड़ा था. रूनीसैदपुर के एक डॉक्टर से उसने इलाज कराया. इलाज कराने के लिए अगले दिन ही उसने पिस्टल दिखा कर उससे दस हजार रूपये लूट लिया था. यह भी बताया जाता है कि अमरेश गिरोह अक्सर अहियापुर इलाके में ही ठिकाना बनाता है. एनएच या ग्रामीण इलाकों में बमबारी कर वह घटना को अंजाम देता है.
फायरिंग के बाद दबोचा गया कुमोद : सीतामढ़ी जेल से फरार अभियुक्त कुमोद राम को दबोचने के लिए विशेष पुलिस टीम को दो राउंड फायरिंग करनी पड़ी. हालांकि इसकी पुष्टि करने के लिए अधिकारी तैयार नहीं है. बताया जाता है कि दर्जनों लूट कांड के अभियुक्त अमरेश ठाकुर को पुलिस ने मंगलवार की रात ही दबोच लिया था. उसकी निशानदेही पर गिरोह के अन्य पांच सदस्य को पुलिस ने एतवारपुर के पास पकड़ा था. बुधवार को जब बैंक लुटने के लिए कुमोद राम पहुंचा, तो पुलिस को देख भागने लगा था. उसे पकड़ने में बोचहां थानाध्यक्ष शंभु भगत व ब्रह्नापुरा थानाध्यक्ष अभिषेक रंजन चोटिल भी हो गये. इस दौरान दो राउंड हवाई फायरिंग भी की गयी. कुमोद भी अपनी पिस्टल से पुलिस पर फायरिंग करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन उसे पकड़ लिया गया. वही इन दोनों के साथ विश्वनाथ राय भी राजू व मुन्ना के साथ पहुंचा था. जिसे नगर थानाध्यक्ष सुनील कुमार शर्मा ने खदेड़ कर पकड़ा.
शिक्षिका को मारी थी गोली
कटरा में शिक्षिका नीलू झा को कुमोद राम व शनिचर पासवान ने गोली मारी थी. नीलू के पति शिव कुमार ने दरभंगा के पवन यादव के माध्यम से पत्नी को गोली मारने के लिए एक लाख रुपये की सुपारी दी थी. जेल से ही पवन ने संपर्क कर उसे गोली मारने का टास्क दिया था.