मुजफ्फरपुर: नोट फॉर वोट मामले में अनुसंधानक निगरानी डीएसपी विजय प्रताप सिंह की रिपोर्ट में परत दर परत खुलासा किया गया है. पूर्व मेयर विमला देवी तुलस्यान के पुत्र पिंटू तुलस्यान नगर निगम की बैठकों में मेयर की जगह अध्यक्षता व समीक्षा करते थे. रिपोर्ट में बताया गया है कि वार्ड पार्षदों की खरीद फरोख्त कर, मन पसंद मेयर बनाने के पीछे नगर निगम के आय श्रोत व विभिन्न स्तरों से प्राप्त बड़ी राशि के उपयोग में मेयर की अहम भूमिका होती है.
इसलिए पार्षदों की खरीद फरोख्त कर मन पसंद मेयर बनवा कर उनके क्रिया कलाप में हस्तक्षेप कर मन मुताबिक कार्य कराना आसान होता है. अवैध आय के श्रोत व योजनाओं में कमीशन खोरी भी प्रमुख श्रोत रहता है. 2010 में संवेदक भैरव ठाकुर, मनोज कुमार व अजय कुमार ने नगर आयुक्त मुजफ्फरपुर को दिये आवेदन में बताया है कि मेयर पुत्र पिंटू तुलस्यान ने कहा है कि मेयर बनाने में 90 लाख रुपये लगा, अब तक मात्र 10 लाख रुपये ही निकल पाया है. साथ ही कहा कि सभी निर्माण कार्य में 10 प्रतिशत के हिसाब से कमीशन तय होना चाहिए.
तत्कालीन नगर आयुक्त हरिशंकर सिंह ने 15 नवंबर 2008 को मेयर को संबोधित पत्र में आरोप लगाया है कि समीक्षा बैठक में मेयर की उपस्थिति के बाद ही अध्यक्षता व समीक्षा उनके पुत्र पिंटू तुलस्यान करते हैं, जिन्हें बैठक में उपस्थित रहने का कोई अधिकार नहीं है. वह बैठक के मर्यादा व गरिमा के बिल्कुल विपरीत है. पत्र में हरिशंकर सिंह ने यह भी कहा कि बीमार होने के बाद भी 3:15 बजे बैठक के निर्धारित स्थल पर मैं पहुंचा तो पिंटू तुलस्यान बैठक में उपस्थित थे और कर्मचारियों व अधिकारियों से सवाल जवाब कर रहे थे.