संवाददाता, मुजफ्फरपुरठंड बढ़ते ही कोल्ड डायरिया ने दस्तक देना शुरू कर दिया है. एसकेएमसीएच के ओपीडी में दर्जनों पीडि़त मरीज आ रहे हैं. गंभीर मरीजों को मेडिकल के आइसोलेशन वार्ड में भरती कर इलाज किया जा रहा है. इस वार्ड में रोजाना दो से चार मरीजों को भरती कर इलाज किया जा रहा है. चिकित्सक बताते हैं कि प्रतिदिन ओपीडी में इस तरह के लक्षणों वाले मरीज आ रहे हैं. औषधि विभागाध्यक्ष डॉ कमलेश तिवारी बताते हैं कि मौसम परिवर्तन होने के बाद सर्दी से बचाव में लापरवाही बरतने पर कोल्ड डायरिया की समस्या हो सकती है. लक्षण और उपचारबच्चों को मरोड के साथ दस्त, उल्टी, भूख न लगने, पैरों में ऐंठन, सुस्ती रहने की स्थिति में कोल्ड डायरिया हो सकती है. इससे बचने के लिए बच्चों को गीले बिस्तरों से बचायें, दूध गुनगुना और पानी उबाल कर दें. सिर, हाथ-पैरों को अच्छी तरह गर्म कपड़ों से ढंक कर रखें.
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एसकेएमसीएच में आ रहे कोल्ड डायरिया के मरीज
संवाददाता, मुजफ्फरपुरठंड बढ़ते ही कोल्ड डायरिया ने दस्तक देना शुरू कर दिया है. एसकेएमसीएच के ओपीडी में दर्जनों पीडि़त मरीज आ रहे हैं. गंभीर मरीजों को मेडिकल के आइसोलेशन वार्ड में भरती कर इलाज किया जा रहा है. इस वार्ड में रोजाना दो से चार मरीजों को भरती कर इलाज किया जा रहा है. चिकित्सक […]
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