मुजफ्फरपुर: एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम से बच्चों को बचाने के लिए सरकारी स्तर पर कवायद शुरू कर दी गयी है, लेकिन बीमारी का एक मूल कारण गरमी से बचाव के लिए कोई व्यवस्था
नहीं की गयी है. निजी व सरकारी स्कूलों में रुटीन बदलने से अभिभावकों को चिंता सताने लगी है.
स्कूल मॉर्निग हो जाने से बच्चों की छुट्टियां दोपहर में हो रही है. बच्चे रोज तेज धूप में स्कूल से घर पहुंच रहे हैं. पसीने से नहाये हुए बच्चे भले ही लीची के बाग से होकर न गुजरें लेकिन तेज गरमी से उन्हें बचाना जरूरी है.
गरमी की शुरु आत के साथ ही बीमारी के कहर से यह चिंता ज्यादा हो गयी है. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल के रुटीन में बदलाव कर दो महीने के लिए पढ़ाई के घंटे कम कर दिये जाएं तो बच्चे तेज धूप से बच सकेंगे. बीमारी पर रिसर्च कर रहे कई विशेषज्ञों का भी मानना है कि जब तक बीमारी के कारणों की पहचान नहीं होती, तब तक उनसे जुड़े सभी पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है. एहतियात के तौर पर बच्चों को अभी बचाया जाना चाहिए.