– डीडीसी ने की ग्रामीण विकास विभाग को कार्रवाई की अनुशंसा उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर. पदस्थापित पंचायत में योगदान नहीं देने वाले आठ पंचायत रोजगार सेवक पर कार्रवाई की तलवार लटक गयी है. उपविकास आयुक्त कंवल तनुज इन पीआरएस के विरुद्ध कार्रवाई के लिए ग्रामीण विकास विभाग के सचिव से अनुशंसा की है. इनमें मनोज चौधरी (बोचहां), सुबोध कुमार तिवारी (कांटी), विरेंद्र विपुल (मुशहरी), संजय कुमार ठाकुर (मुशहरी), राजीव कुमार (सकरा), हरिनारायण प्रसाद (बंदरा), अजीत कुमार (मोतीपुर) व अविनाश चंद्र कुढ़नी शामिल है. अनुशंसा में बताया गया है कि उक्त पीआरएस अपने पदस्थापित पंचायत में योगदान ग्रहण नहीं किये हंै. इस कारण मनरेगा कार्य बाधित है. यह लापरवाही अनुशासन हीनता व वरीय अधिकारी के आदेश की अवहेलना है. 12 अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरणबाढ़ राहत के समीक्षात्मक बैठक में शामिल नहीं होने पर डीएम अनुपम कुमार ने कटरा, औराई, कांटी व सरैया छोड़ सभी अंचलाधिकारी से 24 घंटे में स्पष्टीकरण की मांग की है. कार्य में लापरवाही के लिए प्रपत्र क गठित कर वेतन स्थगित करने की कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गयी है. सीएम के संभावित दौरा के मद्देनजर 20 नवंबर को बाढ़ राहत वितरण की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी के अध्यक्षता में हुई थी, जिसमें सिर्फ चार अंचल के सीओ उपस्थित थे.
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आठ पंचायत रोजगार सेवकों की संविदा होगी रद्द
– डीडीसी ने की ग्रामीण विकास विभाग को कार्रवाई की अनुशंसा उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर. पदस्थापित पंचायत में योगदान नहीं देने वाले आठ पंचायत रोजगार सेवक पर कार्रवाई की तलवार लटक गयी है. उपविकास आयुक्त कंवल तनुज इन पीआरएस के विरुद्ध कार्रवाई के लिए ग्रामीण विकास विभाग के सचिव से अनुशंसा की है. इनमें मनोज चौधरी […]
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