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मलेरिया विभाग का फंड रुका

मुजफ्फरपुर : पिछले वर्ष आवंटित राशि का हिसाब नहीं मिलने पर जिला स्वास्थ्य समिति ने मलेरिया विभाग को वर्ष 2014-15 का आवंटन रोक दिया है. इस कारण जिले में कालाजार उन्मूलन अभियान संकट में है. समिति ने जिला मलेरिया पदाधिकारी से पिछले वित्तीय वर्ष में उपलब्ध करायी गयी राशि का हिसाब मांगा है. मुख्यालय ने […]

मुजफ्फरपुर : पिछले वर्ष आवंटित राशि का हिसाब नहीं मिलने पर जिला स्वास्थ्य समिति ने मलेरिया विभाग को वर्ष 2014-15 का आवंटन रोक दिया है. इस कारण जिले में कालाजार उन्मूलन अभियान संकट में है. समिति ने जिला मलेरिया पदाधिकारी से पिछले वित्तीय वर्ष में उपलब्ध करायी गयी राशि का हिसाब मांगा है.
मुख्यालय ने स्पष्ट कहा है कि खर्च का ब्योरा मिलने के बाद ही राशि आवंटित होगी, लेकिन विभाग के पास राशि का हिसाब नहीं है. किस मद में कितनी राशि खर्च की गयी है, उसका ब्योरा विभाग को नहीं मिल रहा है. कारण छह महीने पूर्व वित्तीय कार्य देख रहे विभाग का कर्मचारी रामकुमार सभी कागजात के साथ फरार हो गया, जिस कारण विभाग के पास खर्च का ब्योरा नहीं है. हालांकि विभाग की ओर से संबंधित कर्मचारी पर एफआइआर भी किया गया. लेकिन दो महीने बीतने के बाद भी वह पुलिस की पकड़ से बाहर है. इधर, मलेरिया विभाग की ओर से सभी पीएचसी प्रभारियों को भेजी गयी राशि का दुबारा हिसाब देने को कहा है, जिससे खर्च का ब्योरा जुटाया जा सके.
मजदूरों को नहीं मिला मानदेय. राशि नहीं आने के कारण डीडीटी छिड़काव में लगे 120 कर्मियों को मानदेय भी नहीं दिया जा सका है. कर्मी अक्सर मलेरिया विभाग आकर मानदेय के लिए दबाव बना रहे हैं. राशि नहीं होने के कारण डेंगू से बचाव के लिए फांगिंग अभियान भी बाधित है. इतना ही नहीं जनवरी में होने वाले दूसरे चरण के डीडीटी छिड़काव के लिए सामग्री भी नहीं जुटायी जा रही है.
आखिर कौन है दोषी
मलेरिया विभाग के पूर्व प्रभारी डॉ भागीरथ प्रसाद के समय कर्मचारी रामकुमार वित्तीय कार्यो का हिसाब रखता था. नये प्रभारी डॉ सतीश कुमार के आने के बाद लेखा का प्रभार दूसरे कर्मचारी को दिया गया. लेकिन उसने प्रभार देने से इनकार कर दिया. एक बार वह सारे कागजात को अलमारी में बंद कर फरार हो गया. मलेरिया पदाधिकारी व सीएस के निर्देश पर भी उसने लेखा पंजी नहीं सौंपी.
सीएस ने उसे सस्पेंड कर एसडीओ से शिकायत की. उसके बाद उस पर एफआइआर हुआ. लेकिन उसने कागजात नहीं सौंपा. वह दो महीनों से ऑफिस से फरार है. पुलिस भी अब तक उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है.

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