फोटो माधवरमना गुरुद्वारा में मनाया गया शहीदी पर्व, तीन दिनों से चल रहे अखंड पाठ का समापनवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : संतों की वाणी को जब रागी जत्थे के गायकों ने कीर्तन में प्रस्तुत किया तो संगत निहाल हो उठी. मौका था रमना स्थित गुरुद्वारा में शहीदी पर्व के समापन का. इस मौके पर तीन दिनों से चल रहे अखंड पाठ का समापन हुआ. शाम में गुरु ग्रंथ साहिब की आरती की गयी. जिसमें दर्जनों भक्त शामिल हुए. इसके बाद अमृतसर से आये राय सिंह, लुधियाना से गुरुशरण सिंह व बलप्रीत सिंह ने कीर्तन का गायन कर लोगों को मुग्ध कर दिया. रागी जत्थे के गायकों ने गुरु गोविंद सिंह की वाणी ‘हिंदू तुरक कोई राफ जी इमाम साफी, मानस की जाति सबे एके पहचानबो. अलख अभेक सोई पुराण व कुराण ओई, एक ही स्वरूप सबै एक ही बनाउ है’, संत कबीर की वाणी ‘अव्वल अल्लाह नूर उपाया, कुदरत दे सब बंदे, एक नूर पे सब जग उपज्या कौन भले कवन मंदे, शेख फरीद की वाणी परिदा खालक खलक महि, खलक बसै रब माहि, मंदा किसनु आखिये, जांसुनु कोईनाही’ प्रस्तुत कर भक्तों के बीच आध्यात्मिक भाव जगाया. गायकों ने संत रविदास की वाणी ‘जल की भीत पवन का खंभा, रकत बूंद का गारा, हार मांस नारी को पिंजर, पंखी बसै विचारा’ कीर्तन प्रस्तुत किया. रात तक चले कीर्तन में काफी भक्तों की मौजूदगी रही. इसके बाद लोगों ने अरदास किया. पूजन के बाद से देर रात तक लंगर का दौर चलता रहा. कार्यक्रम के आयोजन में गुरुद्वारा कमेटी के अलावा सिख समुदाय के लोगों की विशेष भूमिका रही.
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संतों की वाणी से निहाल हुई संगत
फोटो माधवरमना गुरुद्वारा में मनाया गया शहीदी पर्व, तीन दिनों से चल रहे अखंड पाठ का समापनवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : संतों की वाणी को जब रागी जत्थे के गायकों ने कीर्तन में प्रस्तुत किया तो संगत निहाल हो उठी. मौका था रमना स्थित गुरुद्वारा में शहीदी पर्व के समापन का. इस मौके पर तीन दिनों […]
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