मुजफ्फरपुर: बाल मजदूरी के लिए ले जाये जा रहे 100 बच्चों को मुक्त कराया गया है. जीआरपी व आरपीएफ ने 12523 न्यू जलपाइगुड़ी-दिल्ली जाने वाली ट्रेन से इन्हें बरामद किया.
हालांकि बच्चों को ले जा रहा व्यक्ति जीआरपी को चकमा देकर फरार हो गया. बच्चों को चाइल्ड लाइन के हवाले किया गया है. इनमें सबसे अधिक समस्तीपुर व खगड़िया जिले के रहने वाले बताये गये हैं. सभी के माता-पिता को सूचित कर दिया गया है. छापेमारी में मुख्यालय डीएसपी हरेंद्र कुमार, आरपीएफ प्रभारी अरविंद कुमार, सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार समेत सभी पुलिस बल शामिल थे.
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को निर्देश संस्था को सूचना मिली की बड़ी संख्या में बच्चे बाल मजदूरी के लिए ट्रेन से ले जाये जा रहे हैं. संस्था के सत्येंद्र कुमार ने जीआरपी को सूचना दी कि न्यू जलपाईगुड़ी-दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बच्चे राजस्थान भेजे जा रहे हैं. सूचना पर जीआरपी मुख्यालय डीएसपी हरेंद्र कुमार सिंह पुलिस बल के साथ प्लेटफॉर्म तीन पर ट्रेन का इंतजार करने लगे. शाम के पांच बजे ट्रेन आते ही पिछली व आगे की बोगियों में छापेमारी शुरू हो गयी. तीन बोगी में छापेमारी कर करीब 100 बच्चों को ट्रेन से उतारा गया. इस बीच ट्रेन दस मिनट तक जंकशन पर ही रुकी रही.
राजस्थान जा रहे थे बच्चे
बच्चों ने बताया कि उन्हें राजस्थान काम दिलाने के लिये ले जाया जा रहा था. वहां उन्हें लाइन होटल व दुकान में काम कराने की बात घर वालों से कही गयी थी. हसनपुर के विनोद कुमार, खगड़िया के किशन कुमार, रोसड़ा के देवेंद्र कुमार अपने चचेरे भाई के साथ काम करने के लिए दिल्ली जा रहा था. पुलिस ने उसे भी हिरासत में ले लिया.
यात्रियों को भी ट्रेन से उतारा
छापेमारी के दौरान ट्रेन से उन यात्रियों को भी उतार लिया गया, जो इसमें शामिल नहीं थे. ऐसे करीब एक दर्जन से अधिक यात्री थे. यह यात्री त्योहार खत्म होने के बाद दिल्ली जा रहे थे. इनके पास टिकट था व कोई बच्च साथ नहीं था. पूछताछ के बाद इन्हें चले जाने की बात कहीं गयी. इधर, रोसड़ा के प्रमोद कुमार, पप्पू ठाकुर, रंजीत ठाकुर, खगड़िया के अभिनंदन कुमार, सीतामढ़ी के रामभरोसे पासवान, बेगूसराय के फुलो शर्मा व गौरव शर्मा का कहना था कि अब तो उनकी ट्रेन छूट गयी. अब दिल्ली कैसे जायेंगे. इधर, मुख्यालय डीएसपी हरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि संस्था ने सहयोग करने की बात कही थी. अब संस्था इन्हें जाने का उपाय करे.