।। संतोष कुमार गुप्ता ।।
मीनापुर : वासुदेव छपड़ा गांव के महादेव प्रसाद ने खेती कर बेटे को एमबीबीएस डॉक्टर बनाया है. नॉन- मैट्रिक होते हुए भी उन्होंने ऐसा बागबान बनाया है जिसके सभी कायल हैं.
महादेव ने बेटा-बेटी को ऊंचे ओहदा पर देखने के लिए खुद कुदाल थामी. महादेव की मेहनत रंग लायी. नतीजतन आज उनका पुत्र अरविंद अमर ने मणिपाल यूनिवर्सिटी अंतर्गत कस्तूरबा गांधी मेडिकल कॉलेज मणिपाल कर्नाटक से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की.
वर्तमान में अरविंद महाराजा अग्रसेन अस्पताल दिल्ली में हड्डी रोग विशेषज्ञ के तौर पर कार्यरत हैं. महादेव ने अरविंद की पढ़ाई के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. अरविंद ने मूनलाइट कोंचिग सेंटर रामबाग से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की. इसके बाद जिला स्कूल से प्रथम श्रेणी से मैट्रिक पास किया. एएन कॉलेज पटना से आइएससी उतीर्ण हुआ. इसके बाद एमबीबीएस के सपने को अमली जामा पहनाया.
खुद नन मैट्रिक महादेव की बेटी प्रमिला प्रियंका राजकीय उत्क्रमित मवि विद्यालय मुस्फागंज में एचएम है. पतोहू प्रमिला प्रियंका आंगनबाड़ी सेविका है. बड़े बेटे उदय शंकर को पीजी तक पढ़ाया है. महादेव भगत चिल्लचिलाती धूप हो या कडाके की ठंड खेती को प्राथमिकता देते हैं. 25 एकड़ खेत को खुद सिंचते हैं. लीची व केला के लहलहाते फसल इस बात के उदाहरण हैं. आधा दर्जन से अधिक गाय की सेवा में उनका पूरा ध्यान रहता है. बहरहाल महादेव प्रसाद ग्रामीण क्षेत्र के लिए रोल मॉडल बन गये हैं.
* गांव में किसानी कर बेटे को बनाया हड्डी रोग विशेषज्ञ
* मीनापुर के महादेव प्रसाद ने कायम की मिसाल
* बेटी है मवि की एचएम तो पतोहू आंगनबाड़ी सेविका