मुजफ्फरपुर: पूर्णाक 800, प्राप्तांक 815, फिर भी फेल. ये आकड़ा देख कर आप चकरा गये होंगे, लेकिन इसमें हैरान होने की जरूरत नहीं है. ये कारनामा कर दिखाया है बीआरए बिहार विवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय ने, जिसने एमलिस के 2012-2014 सत्र का रिजल्ट जारी किया, लेकिन गड़बड़ियों की सूचना मिलने के साथ रिजल्ट हो वेबसाइट से हटा दिया गया. निदेशालय के अधिकारी इसे मानवीय भूल बता रहे हैं, लेकिन छात्र-छात्रओं के बीच रिजल्ट को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है.
शुक्रवार को दिन में प्रभात खबर को एक छात्र ने फोन करके रिजल्ट में गड़बड़ी की शिकायत की. इसके बाद जब वेबसाइट पर रिजल्ट देखा गया, तो उसमें गड़बड़ियों की भरमार थी. एमलिस कोर्स में माधुरी कुमारी (रौल नंबर- 3131017) को 800 में 815 अंक मिले हैं. इसके बावजूद वह फेल है. निदेशालय के वेबसाइट (डब्लूडब्लूडब्लूडीडीइबीआरएबीयूडॉटनेट) पर अपलोड एमलिस (सत्र 2012-14) के अंक पत्र में यही अंक दर्ज है. यही नहीं, सेकेंड सेमेस्टर के छठे पेपर की प्रायोगिक परीक्षा में बिना अंक आये ही छात्र-छात्रओं को ए, बी, सी आदि ग्रेड भी दिये गये हैं.
एक वर्षीय एमलिस कोर्स दो सेमेस्टर में होता है. सेमेस्टर एक में परीक्षा का कुल अंक चार सौ व सेमेस्टर दो की परीक्षा का कुल अंक चार सौ होता है. माधुरी को पहले सेमेस्टर में 296 अंक दिखाये गये हैं. सेमेस्टर टू में कुल योग 223 की जगह 519 दिखाते हुए दोनों सेमेस्टर को मिला कर कुल प्राप्तांक 815 दिखाया गया है. इसी तरह सेमेस्टर दो का छठा पेपर सौ अंक का होता है. इसमें 50 अंक लिखित व 50 अंक प्रायोगिक परीक्षा के हैं. निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड अंक पत्र में छठे पेपर में क्रमश: 36+, 34+, 32+.. आदि अंक अंकित है. दरअसल, इसमें परीक्षार्थियों के लिखित परीक्षा के अंकित हैं, पर प्रायोगिक परीक्षा के अंक जोड़े जाने बाकी हैं.
अंक पत्र में मानवीय भूल के कारण गड़बड़ी हुई है. छठे पेपर में प्रायोगिक अंक अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं. इस कारण वेबसाइट पर उसके अंक नहीं दिखाये गये हैं.
ललन कुमार
प्रशासनिक अधिकारी