मुजफ्फरपुर: जिले में रक्त की जरूरत पूरा करने के लिये शहर में दो ब्लड बैंक है. स्वयंसेवी संस्थाओं की पहल से रक्तदान भी बेहतर होता है, लेकिन जिले में रक्त की जरूरत इतना अधिक है कि वह पूरा नहीं हो पाता. खासकर विभिन्न समूहों का निगेटिव ब्लड की किल्लत हमेशा बनी रहती है. रक्त की यह जरूरत बिचौलिये मनमानी दर पर पूरा करते हैं. यहां रक्त संग्रह के लिए दो ब्लड बैंक है. दोनों ब्लड बैंक में 1950 यूनिट ब्लड रखने की क्षमता है.
एसकेएमसीएच व सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में रक्तदाताओं का रक्त संग्रह किया जाता है, जिसमें एसकेएमसीएच के ब्लड बैंक को क्षेत्रीय ब्लड बैंक का दर्जा प्राप्त है. यहां ब्लड रखने के चार फ्रिजर है, जिसमें एक साथ 1200 यूनिट ब्लड रखा जा सकता है. इस ब्लड बैंक में मोतिहारी, बेतिया, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा से भी ब्लड संग्रह के लिए आते हैं. जबकि सदर अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक में तीन फ्रिजर है. यहां 750 यूनिट ब्लड रखने की व्यवस्था है. मांग के अनुसार दोनों जगहों से ब्लड एक दूसरे को दिये जाते हैं.
हमेशा रहती है इस समूह की किल्लत
ब्लड बैंक में ए, बी, एबी व ओ (सभी नगेटिव) समूह की हमेशा किल्लत रहती है. दोनों ब्लड बैंकों में इस समूह के रक्त नहीं मिलते. संयोग ही होता है जब जरूरत पड़ने पर किसी मरीज के लिए इन समूह का ब्लड मिल जाये. इसका कारण है कि इस समूह के लोग रक्तदान बहुत कम करते हैं. जबकि मांग अधिक होने पर इसकी किल्लत हो जाती है. जरूरतमंद मरीजों को पीएमसीएच व जयप्रभा ब्लड बैंक से इस समूह का रक्त मंगाया जाता है. दोनों ब्लड बैंक में अभी ए, एबी व ओ (सभी नगेटिव) रक्त नहीं है.
यह संस्थाएं करती हैं रक्तदान
रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए शहर की कुछ संस्थाएं हमेशा सक्रिय रहती है. वर्ष 2012 में मारवाड़ी युवा मंच, नवयुवक समिति ट्रस्ट, रोटरी क्लब, सीआरपीएफ, एसकेएमसीएच के छात्र व छात्रएं, नसिंग छात्रएं , आरबीबीएम कॉलेज, समृद्धि जीवन फाउंउशन, नीतीश्वर महाविद्यालय, जोगिया मठ शिव गुरु भक्त, संत निरंकारी, एचडीएफसी बैंक, सेंट्रल बैंक, रिलायंस, स्वर्णकार जागृति मंच, सीमा सुरक्षा बल, इलाहाबाद बैंक ने रक्त दान किया था.