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अब ओवरलोड वाहनों का परमिट होगा रद्द

मुजफ्फरपुर: ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग सख्त हो गया है. इसको लेकर विभाग के प्रधान सचिव ने ओवरलोड वाहनों (माल वाहक) को अनलोड करते हुए उसका परमिट रद्द करने का निर्देश जारी किया है. साथ ही वाहन के चालक का ड्राइविंग लाइसेंस को भी रद्द करने को कहा गया है. इस […]

मुजफ्फरपुर: ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग सख्त हो गया है. इसको लेकर विभाग के प्रधान सचिव ने ओवरलोड वाहनों (माल वाहक) को अनलोड करते हुए उसका परमिट रद्द करने का निर्देश जारी किया है.

साथ ही वाहन के चालक का ड्राइविंग लाइसेंस को भी रद्द करने को कहा गया है. इस संबंध में प्रधान सचिव ने सूबे के सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है. साथ ही इसका सख्ती से पालन करने को कहा है. अब तक ओवरलोड की रोकथाम के लिए वाहनों का वजन कराकर उसे अनलोड कर केवल जुर्माना किया जाता था. अब ऐसे वाहनों का परमिट रद्द कर दिया जायेगा. नये निर्देश के कारण परमिट व लाइसेंस रद्द होने के डर से वाहन मालिक अपने स्तर से ओवर लोडिंग रोक सकेंगे.

ओवरलोड से बढ़ रहीं दुर्घटनाएं
ओवरलोड वाहनों के चलने के कारण एक ओर जहां सड़क की स्थिति जजर्र होती है, वहीं इससे दुर्घटनाएं भी बढ़ी हैं. अक्सर देखा जाता है कि सड़क पर गिट्टी, बालू, पत्थर, सीमेंट, छड़ आदि से लदे वाहन क्षमता से अधिक वजन लेकर चलते हैं. ऐसे में कई बार वाहन के अनियंत्रित होने से दुर्घटना होती है.

पहले भी हुए प्रयास, खास कामयाबी नहीं मिली : ओवर लोडिंग से जुड़ा एक मामला कुछ माह पूर्व मुख्यमंत्री जनता दरबार में पहुंचा था. इसके बाद से ऐसे वाहनों पर नकेल कसनी शुरू हो गई. इसे रोकने के लिए विभाग की ओर से एसडीओ को भी अधिकार दिया गया. लेकिन इसमें भी कोई खास सफलता नहीं मिली. नियम कड़ाई से पालन कराने के लिए डीएम व एसएसपी से सहयोग करने को कहा गया. बताया गया कि परिवहन विभाग की ओर से ओवरलोड वाहनों को पकड़े जाने के बाद थाना की ओर से सहयोग नहीं मिलता है. इससे परेशानी होती है. डीएम अपने स्तर पर इसके लिए सभी पदाधिकारियों के साथ एक विशेष टीम बनाकर अभियान चलायें और इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाये. इसका भी कुछ खास असर नहीं हुआ.

क्या होती है परेशानी
जिले में दो एमवीआइ के पद हैं, जबकि एक एमवीआइ अजय कुमार कार्यरत है. वहीं तीन इंफोरसमेंट ऑफिसर के पद हैं, लेकिन एकमात्र श्याम नंदन प्रसाद ही कार्यरत हैं, जो कुछ माह पहले ही आये हैं. यह पद कई साल से खाली था. कई बार ओवरलोड वाहनों को पकड़ा जाता है तो इसे स्थानीय थाने में लगा दिया जाता है. कई बार थाने से ट्रक लेकर चालक भाग चलते हैं. चूंकि थाने में ट्रक लगाने की जगह नहीं होती है. ट्रक सड़क पर खड़े होते हैं और मौका देखकर चालक भाग चलते हैं.

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