मुजफ्फरपुर : दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट में बालिका गृह कांड का फैसला मंगलवार को तीसरी बार टल गया. कोर्ट अब 20 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे फैसला सुनायेगा. इस मामले के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की तरफ से दाखिल एक याचिका पर कोर्ट ने दो दिनों के भीतर सीबीआइ से जवाब मांगा है. अधिवक्ता पी के दूबे और धीरज कुमार के मार्फत दाखिल इस याचिका में गवाहों की गवाही पर सवाल उठाया गया है.
इस याचिका में ब्रजेश ठाकुर की ओर से कहा गया है कि सीबीआइ ने अपने हलफनामे में कुछ लड़कियों का यह बयान दर्ज किया है कि शेल्टर होम की कुछ लड़कियों की हत्या की गयी थी. यह बात जांच में झूठी निकली है. याचिका में कहा गया है कि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में आठ जनवरी को जो स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें उसने कहा था कि बालिका गृह की सभी लड़कियां जीवित हैं.
ऐसे में बालिका गृह कांड की जांच कर रही सीबीआइ के गवाह विश्वसनीय नहीं हैं, क्योंकि हत्या के आरोपों की जांच उनके बयानों पर आधारित हैं. याचिका में कहा गया कि गवाहों ने अदालत के समक्ष आरोपी के खिलाफ झूठे आरोप लगाये, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ हत्या से जुड़े आरोप भी शामिल हैं.
अभियोजन द्वारा बनाया गया मामला झूठा, काल्पनिक और मनगढ़ंत है. इन तथ्यों से यह साबित होता है कि अभियोजन के गवाह भरोसे लायक नहीं हैं और उन्होंने न सिर्फ जांच एजेंसी, बल्कि अदालत को भी गुमराह किया है. उनके बयान को आधार न माना जाये.
मालूम हो कि पूर्व में 14 नवंबर को दिल्ली में चल रहे अधिवक्ता व पुलिस विवाद के कारण तथा फिर 12 दिसंबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के छुट्टी में होने पर फैसला टल गया था.