21.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डीडीसी, बीडीओ, मुखिया व पंचायत सचिव नपेंगे

मुजफ्फरपुर: सोलर लाइट घोटाले में 231 पंचायतों की जांच रिपोर्ट तैयार हो गयी है. रिपोर्ट निगरानी मुख्यालय पहुंच गयी है. इसमें तत्कालीन डीडीसी, विभिन्न प्रखंडों के बीडीओ, मुखिया व पंचायत सचिव को दोषी माना गया है. रिपोर्ट में साफ कहा गया है, सोलर लाइट लगाने में बड़े पैमाने पर धांधली की गयी है. एक ही […]

मुजफ्फरपुर: सोलर लाइट घोटाले में 231 पंचायतों की जांच रिपोर्ट तैयार हो गयी है. रिपोर्ट निगरानी मुख्यालय पहुंच गयी है. इसमें तत्कालीन डीडीसी, विभिन्न प्रखंडों के बीडीओ, मुखिया व पंचायत सचिव को दोषी माना गया है. रिपोर्ट में साफ कहा गया है, सोलर लाइट लगाने में बड़े पैमाने पर धांधली की गयी है. एक ही एजेंसी से विभिन्न पंचायतों में अलग-अलग दाम पर लाइट की खरीद की गयी. सरकारी रेट व कंपनी तय थी, लेकिन उससे खरीदारी नहीं की गयी.

मनमाने ढंग से सरकारी राशि को खर्च किया गया. ऐसी एजेंसियों के नाम पर सोलर लाइट की खरीद दिखायी गयी है, जिन्होंने कोटेशन जारी नहीं किया. कुछ एजेंसियां हैं भी, लेकिन जांच के क्रम में उन्होंने कहा, वह सोलर लाइट का काम करती ही नहीं है तो कोटेशन कैसे जारी करेंगी.

बनाये फर्जी कोटेशन : सोलर लाइट खरीद में तीन एजेंसियों से कोटेशन लेने थे. कई स्थानों पर इसका भी पालन नहीं किया गया. एक ही एजेंसी का कोटेशन लगा कर खरीद कर ली गयी. कई पंचायतों में तीन एजेंसियों के कोटेशन तो लगाये गये, लेकिन यह सभी जांच के क्रम में फर्जी निकले यानी अपने मन से मुखिया व पंचायत सचिव ने कोटेशन तैयार किये और उन्हीं के नाम पर खरीद कर ली.

69,700 में सोलर : सरकार ने सोलर लाइट की कीमत 28,100 रुपये तय की थी, लेकिन रामपुर पंचायत में 69,700 रुपये में सोलर लाइट की खरीद की गयी. बेचनेवाली एजेंसी का नाम मां काली इंटर प्राइजेज पटना दिया गया, लेकिन जांच में कोटेशन फर्जी पाया गया. इसके अलावा दो और कोटेशन पंचायत सचिव व मुखिया की ओर से लगाये गये हैं. ये क्रमश: गणोश इंटरप्राइजेज, पटना व मां अंबे सोलर लाइट हाउस, पटना के नाम के हैं. इनमें सोलर लाइट का दाम क्रमश: 76,600 व 78,600 बताया गया है. यह दोनों कोटेशन भी पहले की तरह जांच के क्रम में फर्जी पाये गये.

सस्ती हो गयी लाइट : मोतीपुर की जटौलिया पंचायत में जहां 2006-07 मं 48,500 रुपये में एक सोलर लाइट खरीदी गयी थी. वहीं, 2012-13 में इससे दाम घट कर 22,000 ही रह गये. यानि छह साल में दाम बढ़ने के बजाय घट गये. मजेदार बात यह है सोलर लाइट की खरीद करनेवाले मुखिया बलेश्वर महतो पहले भी मुखिया थे. अब भी मुखिया हैं. शुरू में इन्होंने चकिया की मां सरस्वती सोलर लाइट सिस्टम से खरीद दिखायी है. 2012-13 में मुजफ्फरपुर की आनंद इंटर प्राइजेज नाम की कंपनी से खरीद की गयी है.

सप्लायर भी बराबर का दोषी : जांच रिपोर्ट में निगरानी डीएसपी ने साफ लिखा है, पंचायतों की ओर से जो कोटेशन दिया गया है. उसमें एजेंसी का नाम, पता व मोबाइल नंबर फर्जी है. इससे साफ लगता है, एक ही व्यक्ति ने सोलर लाइट सप्लाई किया है. उसी ने फर्जी हस्ताक्षर से दो अन्य कोटेशन तैयार किये हैं. इसमें मुखिया की मिलीभगत है. इससे साफ है, सप्लायर भी बराबर का दोषी है.

इनके कोटेशन फर्जी : स्वरूप सोल हाउस पटना, पटना सोलर हाउस, सौर्य उर्जा समग्र विकास संस्थान कंकड़बाग पटना, मां काली इंटरप्राइजेज पटना, न्यू सनराइज सोलर हाउस न्यू जीरो माइल मुजफ्फरपुर, रिया सोलर इंटरप्राइजेज रेवा रोड सरैया, आनंद इंटरप्राइजेज फरदो गोला रेवा रोड मुजफ्फरपुर, ओम कंटेक्ट प्वाइंट जवाहरलाल रोड मुजफ्फरपुर, शुभ लक्ष्मी इंटरप्राइजेज राहल नगर मुजफ्फरपुर, उजाला इंटरप्राइजेज हाजीपुर, बालाजी इंटर प्राइजेज अखाड़ाघाट मुजफ्फरपुर, एमएम पावर इलेक्ट्रॉनिक तिकल मैदान मुजफ्फरपुर व अजंता इंटर प्राइजेज पटना. इन सभी के कोटेशन फर्जी पाये गये हैं.

हमने नहीं दिया कोटेशन : शहर के तिलक मैदान रोड स्थित प्रेस्टीज इलेक्ट्रॉनिक के पास पहले टाटा, बीपी सोलर लाइट की डीलरशिप थी. कुछ पंचायतों में इनके नाम पर भी कोटेशन तैयार किये गये थे, लेकिन जब एजेंसी से जांच अधिकारी ने संपर्क किया तो पता चला, वहां से कोई कोटेशन नहीं जारी किया. यही नहीं सोलर लाइट की आपूर्ति भी इस एजेंसी की ओर से किसी पंचायत को नहीं की गयी है.

सुधीर ओझा ने दर्ज कराया था मामला : अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा की ओर से सोलर लाइट घोटाले का मामला दर्ज कराया गया था. इसमें कहा गया था, सोलर लाइट की खरीद में बड़े पैमाने पर धांधली की गयी है. इमसें डीडीसी से लेकर विभिन्न पदाधिकारी व मुखिया शामिल है. 2006 से 2010 के बीच लगायी गयी सोलर लाइटों की जांच की मांग की गयी थी. इस दौरान दो अरब से ज्यादा की सोलर लाइट लगी थी. इसके लिए पंचायतों में रुपया जिला परिषद के जरिये गया था.

इनको मिली क्लीन चिट : जांच रिपोर्ट में तत्कालीन एसडीओ पूर्वी राजेश कुमार, एसडीओ पश्चिमी कुंदन कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी एसएन त्रिपाठी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता पूर्व संजीव जमुआर व भूमि सुधार उपसमाहर्ता मो अतहर को क्लीन चिट दी गयी है. कहा गया है, इन अधिकारियों की कोई भूमिका नहीं लगती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें